न्यूज़ डेस्क
राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर बोलते हुए हैदराबाद के सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख ओवैसी ने कहा कि अब समय आ गया है कि गोडसे और सावरकर के संतानो को देश से भगा दिया जाए। बीजेपी और संघ पर निशाना सदहते हुए ओवैसी ने कहा कि विनायक दामोदर सावरकर और नाथूराम गोडसे चले गए, लेकिन उनके बच्चे अभी भी यहां हैं। अब उन्हें भगाने का समय आ गया है।
ओवैसी ने ये भी कहा कि 17 सितंबर, 1948 को निज़ाम के शासन के तहत हैदराबाद रियासत के भारतीय संघ में विलय में संघ की कोई भूमिका नहीं थी। इसके बाद ओवैसी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर रियासत के विलय के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया। भारतीय संघ के साथ हैदराबाद राज्य का विलय बिना रक्तपात के हुआ था।
बता दें कि केंद्र के ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ के आधिकारिक समारोह में बोलते हुए, अमित शाह ने कहा था कि ये सरदार पटेल ही थे, जिन्होंने ‘नेशन फर्स्ट’ के सिद्धांत का पालन करते हुए, हैदराबाद पुलिस कार्रवाई की योजना बनाई और निज़ाम की रजाकार सेना को बिना रक्तपात के आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया।
ओवैसी ने कहा कि पुलिस कार्रवाई के बाद पंडित सुंदरलाल के नेतृत्व में एक समिति ने हैदराबाद राज्य का दौरा किया था। ओवैसी ने कहा कि रिपोर्ट में पंडित सुंदरलाल ने कहा कि 20 हजार से अधिक मुस्लिम मारे गए। हैदराबाद का एकीकरण बिना रक्तपात के संभव हो सकता था, लेकिन यह तत्कालीन शासकों की गलती थी।
ओवैसी ने कहा कि आज अमित शाह ने कहा कि बिना खून का एक कतरा बहाए हैदराबाद राज्य का एकीकरण किया गया। अमित शाह आप झूठ बोल रहे हैं। जिस तरह तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 18 सितंबर 1948 को अपने भाषण में झूठ बोला था कि कोई खून-खराबा नहीं हुआ था, क्या अमित शाह ने जो कहा वह झूठ है। पंडित सुंदरलाल की रिपोर्ट नेहरू के झूठ को साबित करती है।