न्यूज़ डेस्क
एक तरफ हमास और इजरायल के बीच खुनी जंग जारी है और दूसरी तरफ दुनिया भर के देश शांति की अपील भी कर रहे हैं। खुद यूएन भी शांति चाहता है और गाजा में हो रहे नरसंहार को रोकने की अपील भी कर रहा है। लेकिन दुनिया भर के शक्तिशाली देश लगातार इजरायली प्रधानमंत्री नरतन्याहु से मुलाकात भी कर रहे हैं और उसके साथ खड़ा होने का दावा भी कर रहे हैं। आखिर इस कूटनीति का सच क्या है ?दुनिया इस बात को लेकर भी आश्चर्य में है कि हमास और इजरायल के इस युद्ध में ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक ,अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन और फ़्रांस के राष्ट्रपति मैक्रो आखिर मिल क्यों रहे हैं ?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग के साथ बैठक के लिए गुरुवार सुबह इस्राइल पहुंचे। मुलाकात के दौरान ब्रिटिश पीएम ने हमास के आतंकी कृत्य की निंदा करते हुए इस्राइल और गाजा में जानमाल के भयानक क्षति के लिए संवेदना व्यक्त की।उनके कार्यालय ने कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस्राइल-हमास संघर्ष को कम करने के प्रयास में क्षेत्र के अन्य देशों में जाने से पहले इस्राइल की यात्रा की। इस्राइल दौरे पर सुनक ने फलस्तीनियों के लिए मानवीय मदद जाने की अनुमति दिए जाने की बात की। इसके साथ ही सुनक ने कहा कि ब्रिटेन के लोगों को गाजा में फंसे लोगों को निकलने की इजाजत दी जाए।
ब्रिटेन ने हमास के खूनी हमलों के बाद इस्राइल को अपना समर्थन देने का वादा किया है। इसके अलावा सुनक सरकार ने घोषणा की है कि फलस्तीनियों को ब्रिटेन की मानवीय सहायता में वृद्धि की जाएगी। इस बीच, डाउनिंग स्ट्रीट का कहना है कि सुनक कई अन्य क्षेत्रीय राजधानियों का भी दौरा करेंगे।
उधर ,इस्राइल-हमास लड़ाई के बीच बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इस्राइल पहुंचे थे। बाइडन का दौरा उस समय हुआ, जब गाजा में एक अस्पताल में रात को एक भीषण धमाका हुआ, जिसमें 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इसे लेकर जहां फलस्तीन के संगठनों ने इस्राइल पर आरोप लगाए हैं, वहीं इस्राइल ने इसके पीछे फलस्तीन इस्लामिक जिहाद को जिम्मेदार बताया है। आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर के बीच तेल अवीव पहुंचे बाइडन का जोरदार स्वागत किया गया। एयरपोर्ट पर बाइडन और नेतन्याहू ने गले लगकर एकजुटता का संदेश दिया।
आज जब दोनों नेता मिले तो अमेरिकी पक्ष ने इस्राइल के लिए समर्थन दोहराया। वहीं नेतन्याहू से बातचीत के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाइडन ने कहा कि अस्पताल पर हमले के पीछे किसी और का हाथ लगता है। इस दौरान बाइडन ने यह भी कहा कि हम यहां से कहां जाएं, इस पर विस्तृत चर्चा की उम्मीद कर रहे हैं।
बता दें कि 7 अक्तूबर को हमास के हमले के बाद से अमेरिका ने लगातार इस्राइल का साथ दिया है। आज भी उसने अपना रुख दोहराया। उधर अमेरिका गाजा अस्पताल में हुए हमले की जांच में जुट गया है जिसके आरोप इस्राइल पर लगाए गए। एक इस्राइली अधिकारी ने कहा है कि इस्राइल ने घातक हमले से संबंधित खुफिया जानकारी अमेरिका को दे दी है। अमेरिका इसकी जांच कर रहा है। इस बारे में प्रशासनिक अधिकारियों ने कुछ सांसदों को यह जानकारी दी है।
बाइडन की मुलाकात इस लिए भी अहम रही क्योंकि बुधवार को जॉर्डन में होने वाला शिखर सम्मेलन रद्द कर दिया गया। इस बीच कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि अरब नेताओं का शिखर सम्मेलन अंतिम समय में रद्द होना बाइडन की राजनयिक चिंताओं को बढ़ा सकता है। इस्राइल की यात्रा करने पर अमेरिकियों सहित लाखों नागरिकों का जीवन दांव पर है, जो वर्तमान में फलस्तीन में फंसे हुए हैं। यहां मानवीय संकट चल रहा है क्योंकि इस्राइली सैनिक जमीनी आक्रमण से पहले सीमाओं पर एकत्र हो रहे हैं। बता दें कि इससे पहले सोमवार को तेल अवीव में नेतन्याहू और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी मिले थे। ब्लिंकन भी इस समय संघर्ष को रोकने के लिए मध्य पूर्व के दौरे पर हैं।
बता दें कि अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने लड़ाई के शुरू होते ही इस्राइल के लिए हथियारों से लेकर आर्थिक मदद मुहैया कराने का एलान किया था। इस्राइली मीडिया रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि अमेरिका अपने हजारों सैनिक इस्राइल भेजेगा, जिससे क्षेत्र में व्यापक सैन्य ताकत व्यापक रूप से बढ़ेगी। इनमें दो अमेरिकी विमान वाहक और उनके संबंधित एस्कॉर्ट जहाजों की तैनाती शामिल है, जो लगभग 15,000 सैनिकों को ले जाएंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 4,000 नौसैनिकों और नाविकों वाली टास्क फोर्स की तैनाती की जानी है। वहीं करीब 2,000 सहायक सैनिकों को अलर्ट पर रखा गया है और कहा गया है कि वे कुछ दिनों के भीतर जाने के लिए तैयार रहें।अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी सेना इस्राइल में हथियार और अन्य सुरक्षा सहायता भेजना जारी रखे हुए है। अमेरिका ने इस्राइल की आयरन डोम वायु-रक्षा प्रणाली, छोटे आकार वाले बम और अन्य जीपीएस-से निर्देशित होने वाले हथियारों के लिए अधिक मिसाइल इंटरसेप्टर देने की घोषणा की है। इसके साथ ही अमेरिका ने गाजा और वेस्ट बैंक के लिए 100 मिलियन डॉलर (करीब 883 करोड़ रुपये) के नए फंड की भी घोषणा की। बाइडन ने कहा कि वह अमेरिकी संसद से लगभग 100 बिलियन डॉलर (करीब 88300 करोड़ रुपये) का अनुपूरक अनुरोध करने की योजना बना रहे हैं जिसमें इस्राइल और यूक्रेन के लिए रक्षा सहायता शामिल होगी।
इससे पहले 17 अक्तूबर को जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने तेल अवीव में नेतन्याहू से मुलाकात की। इस दौरान जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने गाजा में लोगों को यथाशीघ्र मानवीय सहायता की अनुमति देने के तरीकों के बारे में प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बात की।