बीरेंद्र कुमार झा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू और एनडीए में अलगाव के बाद विपक्षी दलों को एकजुट करना शुरू किया। नीतीश कुमार लगातार विपक्षी दलों के नेताओं से मिलते रहे उनका यह प्रयास रंग लाया और अंततः उन्होंने विपक्षी दलों को एक मंच पर ले आने में सफलता प्राप्त की।। विपक्षी दलों का नया गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट एलायंस ‘ इंडिया’ तैयार हुआ।अभी तक इंडिया गठबंधन की दो बैठकें हो चुकी है।अब इसकी तीसरी बैठक मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को होनी है तो एक महत्वपूर्ण सवाल सबके अंदर उठ रही है कि इस गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार कौन होंगे ? इस मामले में नीतीश कुमार के नाम की भी चर्चा कभी ना तो कभी हां के रूप में अक्सर होती रहती है। आईए जानते हैं इसे लेकर क्या सोच रखते हैं इंडिया के घटक दलों के दिग्गज ।
लालू यादव
कांग्रेस की जमाने से लेकर अबतक कई अवसरों पर लालू प्रसाद यादव अपने आप को किंग मेकर बताते रहे हैं। अपने अनोखी शैली से कब किसको आगे करेंगे और कब पीछे इसे सिर्फ लालू प्रसाद ही जानते हैं।महागठबंधन के नेता के रूप में नीतीश कुमार की भूमिका को भी लालू प्रसाद कुछ इसी अंदाज में आगे पीछे करते रहे हैं पटना में आयोजित गंठबंधन की पहली बैठक में उन्होंने नीतीश कुमार को गठबंधन बनाने का सारा श्रेय देते हुए इन्हें गठबंधन का संयोजक बनाने की बात कह कर आगे बढ़ाया तो इस बैठक में राहुल गांधी को दूल्हा बनने की बात कह कर नीतीश कुमार की जगह पर राहुल गांधी को गंठबंधन के नेता के चेहरा के तौर पर आगे कर दिया।इसके बाद गोपालगंज में मीडिया ने बातचीत करते हुए जब उनसे विपक्षी गठबंधन दलों के प्रधानमंत्री और संयोजक के चेहरे को लेकर नीतीश कुमार के संदर्व में पूछा तो उन्होंने नीतीश कुमार को आगे करने की जगह इंडिया गठबंधन में कई संयोजक होंगे, नीतीश कुमार अकेले ही कोई संयोजक नहीं होंगे जैसी बात कहकर नीतीश कुमार को साइड लगा दिया।
श्रवण कुमार
बिहार के नीति सरकार के जदयू कोटा से मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि भले ही नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनने की कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है और उनका उद्देश्य बीजेपी एनडीए को सत्ता से हटाना है लेकिन यह चर्चा पूरे देश में होती है नीतीश कुमार पीएम मैटेरियल है उनमें प्रधानमंत्री बनने की तमाम योग्यताएं हैं बातचीत के दौरान मंत्री ने कहा यूपी से लेकर देश के विभिन्न राज्यों के लोग या मांग कर रहे हैं कि नीतीश कुमार को भी पक्षी दलों की गठबंधन इंडिया की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाए।
धनंजय सिंह
इससे पहले जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने कहा था उनकी पार्टी जेडीयू यह चाहती है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश के फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ें।फूलपुर सीट का प्रतिनिधित्व पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और वीपी सिंह कर चुके हैं। इस तरह से जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय सिंह ने अप्रत्यक्ष रूप से नीतीश कुमार के इंडिया खेमे से प्रधानमंत्री पद के नेता के रूप में दावेदारी पेश कर दी।
मनोज झा
आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपनी मनसा शुरू में ही साफ तौर पर बता दी है कि पीएम बनने की उनकी कोई इच्छा नहीं है।वह बीजेपी को हराने के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर रहे हैं। गौरतलब है कि खुद नीतीश कुमार ने पिछले दिनों कहा था कि वह चाहते हैं कि विपक्ष एक जुट रहे ।
नीतीश कुमार
हाल में ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा हम लोग इसी महीने 31 तारीख को मुंबई जाएंगे 1 सितंबर को वहां पर भी विपक्षी पार्टियों की मीटिंग होगी ।पटना से इसकी शुरुआत हुई थी।आगे भी हम इस काम को तेजी से करने के लिए सभी पार्टियों को कहेंगे। सब लोगों की जो राय होगी उसपर काम किया जाएगा। आरजेडी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग संयोजक बनने को लेकर दिए गए बयान को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया में इस तरह के सवालों का जवाब देना ठीक नहीं है।मीटिंग में सब लोगों की जो राय होगी वह आप लोगों को बता दी जाएगी।
क्या हो सकता मुंबई की बैठक में
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर गैर बीजेपी दलों को एक सूत्र में बांधकर बीजेपी के खिलाफ साझा संघर्ष की योजना पटना में तय हुई।इसे लेकर पहली बैठक पटना में 23 जून को हुई और दूसरी दूसरी बैठक बेंगलुरु में 18 और 19 जून को हुई जिसमें गठबंधन का नाम इंडिया तय किया गया। अब तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में हो रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में गठबंधन के नेता जैसे तनावपूर्ण मुद्दों की जगह अपेक्षाकृत कम तनाववाला सीट शेयरिंग जैसा मुद्दा पर चर्चा करेंगे और इसका समाधान निकलेंगे, ताकि किसी तरह से कहीं भी यह संदेश बाहर न चला जाए की इंडिया गठबंधन में कुछ खटपट चल रहा है। ऐसा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कई राज्यों में आगामी कुछ महीने के विधान सभा का चुनाव होनेवाला है और कुछ राज्यों में तो विधान सभा का उपचुनाव भी हो रहा है।सीट शेयरिंग जैसे मुद्दा पर बात बनने से गंठबंधन की सकारात्मक छवि बनेगी और जिन राज्यों में आगामी विधान सभा होना है वह इसके उम्मीदवारों को इसका काश मिलेगा।