मैनचेस्टर में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया पांचवां टेस्ट रोमांचक मोड़ पर ड्रॉ हुआ, लेकिन यह ड्रॉ भारत के लिए जीत से कम नहीं था। कप्तान शुभमन गिल की शानदार शतकीय पारी, केएल राहुल के साथ अहम साझेदारी और रवींद्र जडेजा तथा वॉशिंगटन सुंदर की जुझारू बल्लेबाजी ने भारतीय टीम को एक असंभव से दिख रहे मुकाबले में वापसी दिलाई।
शुभमन गिल ने इस टेस्ट में अपनी दूसरी पारी की सेंचुरी को अब तक की “सबसे संतोषजनक पारी” बताया और कहा कि यह प्रदर्शन टीम की मानसिक दृढ़ता और एकजुटता का प्रतीक है।
भारत फिलहाल पांच मैचों की इस सीरीज में 1-2 से पीछे है, लेकिन मैनचेस्टर टेस्ट ड्रॉ कर सीरीज को बराबर करने की उम्मीदें अभी भी जिंदा हैं।अब सभी की निगाहें 31 जुलाई से द ओवल में शुरू होने वाले निर्णायक टेस्ट पर टिकी हैं।
टेस्ट मैच की शुरुआत भारत के लिए बेहद खराब रही थी।दूसरी पारी में जब भारत 0 के स्कोर पर दो विकेट गंवा चुका था, तब कप्तान शुभमन गिल और अनुभवी केएल राहुल ने मोर्चा संभाला। दोनों के बीच 188 रन की अहम साझेदारी ने मैच की दिशा बदल दी। गिल ने 103 रन (238 गेंदों में) की जुझारू पारी खेली, जिसमें धैर्य, अनुशासन और क्लास नज़र आया।वहीं केएल राहुल ने 230 गेंदों में 90 रन बनाकर कप्तान का शानदार साथ निभाया।
गिल ने बीसीसीआई द्वारा जारी एक वीडियो में कहा, “0 पर दो विकेट गिरने के बाद राहुल भाई के साथ मेरी साझेदारी ने इस विश्वास को जन्म दिया कि हम यह मैच बचा सकते हैं इस मैच को उस स्थिति से ड्रॉ कराना मेरे करियर की सबसे संतोषजनक उपलब्धि है।
गिल इस सीरीज में अब तक 90.25 की औसत से 722 रन बना चुके हैं, जिसमें चार शतक और एक दोहरा शतक (269 रन) शामिल है। लेकिन इस पारी को उन्होंने विशेष बताया क्योंकि यह मुश्किल हालात में आई जब सीरीज दांव पर लगी हुई थी।
दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाज़ों ने न केवल इंग्लैंड की 311 रन की बढ़त को खत्म किया, बल्कि 114 रन की बढ़त भी ले ली। गिल की कप्तानी में टीम ने 140 ओवर तक बल्लेबाजी कर इंग्लिश गेंदबाज़ों को पूरी तरह थका दिया।
शुभमन गिल और राहुल के आउट होने के बाद इंग्लैंड को वापसी की उम्मीद थी, लेकिन रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर ने मिलकर वह दीवार खड़ी कर दी जिसे इंग्लिश गेंदबाज पार नहीं कर सके।जडेजा ने 185 गेंदों पर 107* रन बनाए और सुंदर ने 206 गेंदों पर 101* रन की नाबाद पारी खेली।दोनों के बीच 203 रन की अटूट साझेदारी ने मैच को पूरी तरह भारत के पक्ष में मोड़ दिया।गेंद उस वक्त काफी स्पिन कर रही थी, लेकिन दोनों बल्लेबाज़ों ने धैर्य नहीं खोया और इंग्लिश गेंदबाज़ों को हर मौके पर निराश किया।
सुंदर ने अपने शतक को अपने परिवार को समर्पित करते हुए कहा कि जब गेंद स्पिन कर रही हो और विपक्षी टीम दबाव बना रही हो, उस वक्त सिर्फ गेंद पर ध्यान केंद्रित करना ही मदद करता है। यह साझेदारी और यह मैच हमारे टीम आत्मविश्वास के लिए बेहद अहम है।
मैच में इससे पहले इंग्लैंड ने टॉस जीतकर भारत को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया था। भारत की पहली पारी 358 रन पर समाप्त हुई, जिसमें यशस्वी जायसवाल (58), साई सुदर्शन (61) और ऋषभ पंत (54) की फिफ्टी अहम रहीं। इंग्लैंड के लिए कप्तान बेन स्टोक्स ने 5 विकेट 72 रन देकर और जोफ्रा आर्चर ने 3 विकेट 73 रन देकर लिए।
जवाब में इंग्लैंड ने जबरदस्त बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 669 रन बनाए।जिसमें जो रूट ने 150, स्टोक्स 141, डकेट 94 और क्रॉली 84 रन बनाकर भारत पर भारी दबाव बना दिया था। भारत की ओर से जडेजा ने 4 विकेट 143 रन और बुमराह ने 2 विकेट 112 रन देकर हासिल किए, लेकिन गेंदबाजों की मेहनत रंग नहीं लाई।
दूसरी पारी में जब भारत 311 रन पीछे था और 0/2 की स्थिति में था, तब गिल, राहुल, जडेजा और सुंदर ने मिलकर भारत को 425/4 तक पहुंचाया और मैच को ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाई।
अब भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का अंतिम और निर्णायक टेस्ट 31 जुलाई से द ओवल में खेला जाएगा।भारत जहां आत्मविश्वास से लबरेज है, वहीं इंग्लैंड मानसिक, शारीरिक और रणनीतिक रूप से दबाव में दिख रही है। शुभमन गिल की कप्तानी, टीम का जजबा और खिलाड़ियों की मानसिक दृढ़ता यह संकेत दे रहे हैं कि भारत आखिरी टेस्ट में इतिहास रचने के इरादे से उतरेगा।