बीरेंद्र कुमार झा
ब्राह्मण सम्मेलन में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का वह वादा जिसमें उन्होंने ब्राह्मणों को भरोसा दिया था कि अब समाजवादी पार्टी के कोई भी नेता हिंदू धर्म के विरुद्ध नहीं बोलेंगे,वह 2 दिन भी नहीं टिक पाया और स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर हिंदू धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। उन्होंने उन्होंने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में हिंदू धर्म को धोखा बता डाला।
राष्ट्रीय बौद्ध और बहुजन अधिकार सम्मेलन में कही हिंदू विरोधी बात
नई दिल्ली के जंतर मंतर पर मिशन जय भीम के बैनर तले राष्ट्रीय बौद्ध और बहुजन अधिकार सम्मेलन में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा जिसे हम हिंदू धर्म कहते हैं, वह कुछ लोगों के लिए धंधा है।जब हम कहते हैं कि यह कुछ लोगों के लिए धंधा है ,तो पूरे देश में भूचाल मच जाता है। जब यही चीज मोहन भागवत कहते हैं, माननीय मोदी जी कहते हैं, गडकरी जी कहते हैं तो किसी की भावना आज नहीं होती है। लेकिन जब वही चीज स्वामी प्रसाद मौर्य करते हैं, तो उनकी भावना इतनी कमजोर है कि उनकी भावना आहत
हो जाती है।
क्या था अखिलेश का वादा
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सोशल इंजीनियरिंग फिट करने में जुटे अखिलेश यादव की मौजूदगी में रविवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी मुख्यालय में कन्नौज के प्रबुद्ध समाज और महा ब्राह्मण समाज पंचायत के प्रतिनिधियों का एक सम्मेलन हुआ था। इस दौरान कई लोगों ने स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम लिए बिना धर्म- जाति पर विवादित बयानों को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। इस पर अखिलेश यादव ने वादा किया था कि ऐसे बयानों पर रोक लगाई जाएगी। उन्होंने पार्टी नेताओं को धर्म और जाति पर किसी तरह की टिप्पणी से बचने की नसीहत भी दी थी।
बार-बार स्वामी प्रसाद मौर्य कर रहे हैं अखिलेश के नसीहत की अवमानना
पिछले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में आए स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू और हिंदुत्व को लेकर लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। उनके बयानों को लेकर कई बार समाजवादी पार्टी को किरकिरी का सामना करना पड़ा है।अब 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी को इस बात की आशंका सताने लगी है कि,कहीं न कहीं उनके बयानों से नुकसान हो सकता है। यही वजह है कि खुद अखिलेश यादव ने भी ऐसे बयानों पर अंकुश लगाने की बात कही है। लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य बार-बार अखिलेश की नसीहत का अवमानना कर रहे हैं ।ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा की समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव स्वामी प्रसाद मौर्य पर कोई कड़ी कार्रवाई करते हैं या नहीं?