Homeदेशपश्चिम बंगाल : आखिर बीजेपी के भीतर क्यों मचा है कोहराम ?

पश्चिम बंगाल : आखिर बीजेपी के भीतर क्यों मचा है कोहराम ?

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न्यूज़ डेस्क
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है। एक तो चुनावी हार के बाद पार्टी के भीतर के नेता ही एक दूसरे पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं तो दूसरी तरफ ममता बनर्जी भी बीजेपी के इस खेल का लाभ उठाने को तैयार है। खबर तो यह भी है कि बीजेपी के कई सांसद और विधायक फिर से ममता के सामने घुटने टेकने को तैयार हैं।  

दरअसल लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी के नेताओं ने ही प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। अब पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद दिलीप घोष ने भी एक ऐसा पोस्ट किया है, जिसे उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। दिलीप घोष ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा ओल्ड इज गोल्ड (पुराना ही सबसे अच्छा है)।

गौरतलब है कि दिलीप घोष ने हाल ही में कहा था कि पार्टी द्वारा पुराने नेताओं को उनके लोकसभा क्षेत्रों से हटाकर नए क्षेत्रों से चुनाव लड़ाना एक गलती थी। बंगाल में भाजपा का प्रदर्शन खराब रहा और पिछले लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा ने बंगाल में 18 सीटें जीतीं थी तो इस बार भाजपा के सांसदों का आंकड़ा घटकर 12 ही रह गया है। भाजपा को उम्मीद थी कि वह इस बार बंगाल से अच्छी तादाद में सीटें जीतेगी और पार्टी ने राज्य में 30 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था।

हालांकि पार्टी अपने पिछले प्रदर्शन को भी दोहराने में नाकामयाब रही और सिर्फ 12 सीटों पर सिमटकर रह गई।
दिलीप घोष 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल की मेदिनीपुर सीट से सांसद चुने गए थे, लेकिन उन्हें इस बार मेदिनीपुर की जगह बर्धमान-दुर्गापुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया।

हालांकि यह दांव उल्टा पड़ा और टीएमसी के कीर्ति आजाद के सामने दिलीप घोष को 1.38 लाख वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। दिलीप घोष ने खुलकर इस पर नाराजगी जाहिर की और इसे गलत फैसला करार दिया। 

इसी तरह बर्धमान -दुर्गापुर से पूर्व में जीतने वाले एसएस अहलूवालिया को आसनसोल से चुनाव मैदान में उतारा गया, उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा।

आसनसोल दक्षिण सीट से चुनाव लड़ने वाली अग्निमित्रा पॉल को मेदिनीपुर से चुनाव लड़ाया गया, लेकिन ये तीनों नेता चुनाव हार गए। दिलीप घोष ने हार को लेकर बंगाल भाजपा के नेतृत्व पर सवाल उठाए। अभी बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार हैं और सुकांत ने दिलीप घोष से ही बंगाल भाजपा पद की जिम्मेदारी संभाली थी।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पार्टी के नवनिर्वाचित सांसदों के साथ बैठक करेंगी। यह बैठक आज यानी शनिवार को हो सकती है, जिसमें लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। इस बार के आम चुनाव में बंगाल में टीएमसी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और पार्टी ने 29 सीटों पर जीत दर्ज की है।  
 

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