न्यूज़ डेस्क
लोकसभा चुनाव में नेताओं के बोल भी बिगड़ते जा रहे हैं। कोई भी नेता कुछ भी बोलने से बाज नहीं आ रहा है। हालांकि चुनाव आयोग विवादित बयान को लेकर काफी सख्त है लेकिन फिर भी विवादित बोल जारी है। अभी पश्चिंम बंगाल में बीजेपी सांसद दिलीप घोष के विवादित बयान को लेकर अब राजनीति तेज हो गई है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद दिलीप घोष के एक वीडियो क्लिप में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की का मजाक उड़ाते हुए सुनने के बाद मंगलवार को विवाद खड़ा हो गया है। जिसके बाद से ही तृणमूल कांग्रेस पार्टी खासा आक्रामक दिखाई दे रही है। टीएमसी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास भाजपा सांसद दिलीप घोष के बयान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
दिलीप घोष की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी ने कहा कि भाजपा सांसद की टिप्पणी भाजपा के डीएनए को दिखाता है। दिलीप घोष की आलोचना करते हुए टीएमसी ने वीडियो क्लिप साझा किया। पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष, जो वर्तमान में बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, ने टीएमसी के नारे ‘बांग्ला निजेर मेये के चाय (बंगाल अपनी बेटी चाहता है)’ का मजाक उड़ाया था।
दिलीप घोष ने ममता बनर्जी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि जब ममता बनर्जी गोवा जाती है, तो कहती है कि वह गोवा की बेटी है। त्रिपुरा में वह करती है कि वह त्रिपुरा की बेटी है। पहले उन्हें स्पष्ट करने दीजिए। मेदिनीपुर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद घोष टीएमसी के 2021 चुनाव नारे ‘बांग्ला निजेर मेये केई चाय’ का जिक्र कर रहे थे।
भाजपा नेता की टिप्पणी के खिलाफ चुनाव आयोग का टीएमसी ने दरवाजा खटखटाया है। पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने दिलीप घोष से माफी की मांग की और कहा कि टिप्पणियां ‘भाजपा के डीएनए’ में मौजूद है। उन्होंने कहा कि दिलीप घोष को तुरंत माफी मांगनी चाहिए।
टीएमसी ने दावा किया कि इस तरह के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि दिलीप घोष के मन में बंगाल की महिलाओं के लिए कोई सम्मान नहीं है, चाहे वह हिंदू धर्म की प्रतिष्ठित देवी हों या भारत की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री हों। गौरतलब है कि टीएमसी ने चुनावी नारा ‘बांग्ला निजेर मेयेकेई चाय’ लाकर ‘बंगाली गौरव’ को बढ़ावा दिया था।