न्यूज़ डेस्क
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ अमेंडमेंट बिल 2024 लोकसभा में पेश कर दिया है। कांग्रेस पार्टी ने इस पर आपत्ति जताई है। विपक्ष की ओर से केसी वेणुगोपाल ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि यह संविधान की ओर से दिए धर्म और फंडामेंटल राइट्स पर हमला है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने वक्फ बिल का विरोध करते हुए कहा कि ये संवेनशील मसला है। इसे लेकर जो चिंता सदस्यों ने जताई है, उनकी चिंता का सरकार को संज्ञान लेना चाहिए। हर धर्म में दान का प्रावधान है।
लोकसभा में वक्फ बिल पर बोलते हुए सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नियम 72 (2) के तहत बिल पेश किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि ये संविधान की मूल भावना पर हमला है। आप हिंदू पूरी संपत्ति अपने बेटे-बेटी के नाम पर दे सकते हो, लेकिन हम एक तिहाई ही दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हिंदू संगठन और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में गैर धर्मों के सदस्य शामिल नहीं होते तो वक्फ में क्यों। ये बिल हिंदू-मुसलमान में भेदभाव करता है। वक्फ प्रॉपर्टी पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं है। ये सरकार दरगाह और अन्य संपत्तियां लेना चाहती है। सरकार कह रही है कि हम महिलाओं को दे रहे हैं, मुझे यकीन है कि आप बिल्किस बानो और जकिया जफरी को मेंबर बनाएंगे। आप देश को बांटने का काम कर रहे हैं। आप मुसलमानों के दुश्मन हैं।
एनसीपी शरद पवार की नेता सुप्रिया सुले ने वक्फ बिल पर सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार की एक नई कार्यप्रणाली देखने को मिल रही है। ये संसद से पहले मीडिया को बताते हैं। इस बिल की जानकारी हमें मीडिया से मिली। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस बिल को सर्कुलेट किया गया है। इसे 6 तारीख को ही लोकसभा के पोर्टल पर सर्कुलेट कर दिया गया था। चेक कर लें।
इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में भी इस पर चर्चा हुई थी। सुप्रिया सुले ने बांग्लादेश के घटनाक्रम का भी जिक्र किया और इस बिल की टाइमिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने सवाल किया कि वक्फ बोर्ड में अभी ऐसा क्या हुआ कि ये बिल अभी ही लाने की जरूरत पड़ गई?
वक्फ बिल पर बोलते हुए डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने कहा कि ये संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है। किसी मंदिर की कमेटी में जब कोई गैर हिंदू सदस्य नहीं है तो फिर वक्फ में क्यों। ये बिल विशेष तौर पर एक धार्मिक ग्रुप को टार्गेट करता है जो समानता के कानून का उल्लंघन करता है। ये बिल पूरी तरह से मुसलमानों के खिलाफ है। ये देश सेक्यूलर देश है जिसमें अलग-अलग धर्म, अलग-अलग भाषा के लोग रहते हैं।