लोकसभा चुनाव के लिए 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान हो रहा है। मतदाताओं में मतदान को लेकर ज्यादातर जगहों पर उत्साह का वातावरण देखा जा रहा है, लेकिन नागालैंड एक ऐसा राज्य है,जहां कम से कम 6 जिलों में 0% के करीब वोट दर्ज हुए हैं। दरअसल अलग राज्य की मांग को लेकर पूर्वी नागालैंड के साथ जनजातीय संगठनों की शीर्ष संस्था पूर्वी नागालैंड पीपल्स ऑर्गेनाइजेशन (ईएनपीओ) के अनिश्चितकालीन बंद के आह्वान के मद्देनजर लोग शुक्रवार को घरों के भीतर ही रहे और क्षेत्र के 6 जिलों में मतदान केंद्र वीरान नजर आए।
जिला प्रशासन और आपतकालीन सेवाओं से जुड़े लोग ही कर सकते थे आवाजाही
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन क्षेत्रों में स्थिति शांतिपूर्ण है, लेकिन जिला प्रशासन और अन्य आपातकालीन सेवाओं से जुड़े लोगों एवं वाहनों को छोड़कर सड़कों पर किसी भी व्यक्ति आवाजाही नहीं दिख रही है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी आता लोडिंग ने बताया कि क्षेत्र के 6 जिलों के 738 मतदान केदो पर निर्वाचन अधिकारी तैनात हैं।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्वाह्न 11:00 बजे तक यहां कोई मतदान नहीं हुआ था। मतदान शाम 4:00 बजे समाप्त हो जाएगा।
अनिश्चित कालीन बंदी का असर
इन जिलों में सात नगा जनजातियां चांग, कोण्याक , संगतम , फोम , यिमखियुंग, ख्यामनिऊंगन,और तिखिर रहती है।अलग राज्य की उनकी मांग को क्षेत्र से संबंधित समी जनजाति की एक वर्ग का भी समर्थन प्राप्त है। ईएनपीओ ने 5 मार्च को 18 अप्रैल गुरुवार शाम 6:00 बजे से पूरे पूर्वी नागालैंड क्षेत्राधिकार में अनिश्चितकालीन पूर्ण बंदी की घोषणा की थी।
अलग राज्य की हो रची है मांग
यह संगठन 2010 से अलग राज्य की मांग कर रहा है। इसका दावा है कि इन 6 जिलों की वर्षों से अपेक्षा की जा रही है। नागालैंड के कुल 13.25 लाख मतदाताओं में से पूर्वी नागालैंड के इन 6 जिलों में 4 लाख 632 मतदाता है।इस बीच नागालैंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी व्यसन आर ने बंद को चुनाव के दौरान अनुचित प्रभाव डालने के प्रयास के रूप में देखते हुए ईएनपीओ को बृहस्पतिवार रात कारण बताओं नोटिस जारी किया था।