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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में छा रहे विवेक रामास्वामी,ट्रंप समर्थक भी लगा रहे जयकारा

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बीरेंद्र कुमार झा

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एक नाम सबकी जुबां पर छाया हुआ है।वह नाम है भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी का। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अभियान रणनीति से परिचित लोगों का मानना है कि ट्रंप की गैर मौजूदगी में विवेक रामास्वामी सबसे अलग और सबसे बेहतर उम्मीदवार के रूप में सामने आए हैं ।उन्होंने पहली बहस के दौरान अपने सभी प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़ दिया है। फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस जैसे राजनेता स्वामी के आगे फीके नजर आ रहे हैं।इनकी प्रसंशा डोनाल्ड ट्रंप भी कर चुके हैं। अब ट्रंप के समर्थक भी रामास्वामी का जयकारा लगा रहे हैं।उनकी नजर में रामास्वामी ट्रंप के सहयोगी यानि उपराष्ट्रपति के रूप में बेहतर साबित हो सकते हैं।

बोलने की प्रखर क्षमता एक बड़ा हथियार

डोनाल्ड ट्रंप और उनके सहयोगी राष्ट्रपति चुनाव 2024 के लिए रिपब्लिकन प्रतिद्वंदी विवेक रामास्वामी की प्रसंशा कर रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति की टीम के सदस्यों का मानना है कि ओहियो व्यवसाई की बाहरी बोली उनका सबसे बड़ा हथियार है ।रामास्वामी बुधवार को पहले रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की बहस के केंद्रीय व्यक्ति के रूप में उभरे । बहस के दौरान मतदान करने वाले 504 लोगों में से 28% लोगों ने रामास्वामी द्वारा उठाए गए मुद्दों को सबसे ज्यादा पसंद किया।

नाम न छापने की शर्त पर मामले से परिचित लोगों के अनुसार ,ट्रंप के सहयोगी रामास्वामी को फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस से समर्थन मिलने के रूप में देखते हैं, जिससे यह धारणा और मजबूत हो रही है कि डेसेंटिस का चुनावी अभियान लड़खड़ा रहा है।हालांकि डेसेंटिस की टीम इससे इत्तेफाक नहीं रखती है। उनका मानना है कि वे अपना काम बखूबी कर रहे हैं।

ट्रंप समर्थकों को जोड़ रहे रामास्वामी

डोनाल्ड ट्रंप समर्थक रामास्वामी के लिए जयकारा इस लिए लग रहे हैं क्योंकि ट्रंप कई मौके पर खुद रामास्वामी की तारीफ कर चुके हैं उधर रामास्वामी भी कानूनी झमेला में फंसे ट्रंप के बचाव में कई बयान दे चुके हैं।रामास्वामी ने ट्रंप द्वारा समर्थित कई नीति की प्राथमिकताओं और राजनीतिक दर्शन का समर्थन किया है।इसमें संघीय नौकरशाही के बड़े हिस्से को खत्म करने या विदेशी गठबंधनों खासकर चीन को सबसे बड़ा दुश्मन साबित करना शामिल है। लोगों के अनुसार इस मामले मेंट्रंप ने खुद बहस के मंच पर रामास्वामी के प्रदर्शन से खुशी जाहिर की है। ट्रंप समर्थक रामास्वामी को ट्रंप के अगले संभावित कार्यकाल में उपराष्ट्रपति के रूप में देख रहे हैं।

अमीर रिपब्लिकन कैंडिडेट

दिलचस्प बात यह है कि रामास्वामी रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों में ट्रंप के बाद सबसे अमीर है। ट्रंप की वर्तमान संपत्ति दो बिलियन डॉलर है जबकि रामास्वामी की कुल संपत्ति 950 मिलियन डॉलर है। रामास्वामी शिक्षित है और उन्होंने प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। उनके पास हार्वर्ड विश्वविद्यालय से जीव विज्ञान में डिग्री और येल विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री है।

सफल बिजनेसमैन

रामास्वामी ने 29 साल की उम्र में 2014 में एक जैव प्रौद्योगिकी फॉर्म रोईवांत साइंसेज की स्थापना की। रोईवांत ऐसी सहायक कंपनियां बनाती है जो ऐसी दवाई विकसित करती हैं जिन्हें बड़े दवा निर्माताओं द्वारा उपेक्षित किया जाता है।रामास्वामी के पासरोईवांत में 10%हिस्सेदारी है।

परिवार

रामास्वामी जा जन्म ओहियो में भारतीय और आप्रवासी माता-पिता के घर हुआ और वह तमिल भाषी ब्राह्मणों का परिवार था।वे मूलतः केरल के रहने वाले थे। रामास्वामी तमिल भाषा और हिंदू रीति रिवाज में बड़े हुए।वे बताते हैं कि दैनिक प्रार्थना करना और मंदिर जाना उनके रूटिंग का हिस्सा था। उन्होंने हिंदू महाकाव्य की कहानी सुनी है वह डेटेन और सीनसीनाटी के मंदिरों में भाग ले चुके हैं। उनकी पत्नी अपूर्वा पैसे से एक चिकित्सक है।

 

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