बीरेंद्र कुमार झा
राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बीजेपी की परिवर्तन संकल्प यात्रा से दूरी बनाकर जेपी नड्डा और मोदी- शाह के लिए मुश्किल खड़ी कर दिया हैं। बीजेपी के शीर्ष नेता वसुंधरा राजे को मनाने में जुट गए हैं।पार्टी सूत्रों के अनुसार वसुंधरा राजे को अब न सिर्फ अहम जिम्मेदारी दी जाएगी बल्कि पूरे चुनाव में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी। चुनाव प्रबंधन कमेटी और संकल्प पत्र कमेटी की घोषणा की इन दोनों ही कमेटी में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम नहीं था वसुंधरा राजे को पूरी तरह से साइड लाइन कर दिया गया था आनन – फानन में प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह को बयान देना पड़ा था कि वसुंधरा राजे जल्दी ही परिवर्तन यात्रा में दिखाई देंगी। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वसुंधरा राजे अपने समर्थकों पर कारवाई करने से भी नाराज हैं। बीजेपी ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को निलंबित कर दिया है ।
वसुंधरा राजे सबसे लोकप्रिय चेहरा
पिछले दिनों आए सी – वोटर्स के ओपिनियन पोल में बीजेपी की ओर से वसुंधरा राजे को सबसे लोकप्रिय चेहरा बताया गया था।राजस्थान में बीजेपी इन दिनों गहलोत सरकार के खिलाफ परिवर्तन यात्रा निकाल रही है।चारो दिशाओंà से निकाली जा रही परिवर्तन यात्रा के आगाज के समय वसुंधरा राजे मौजूद रहीं,लेकिन इसके बाद वसुंधरा राजे ने इससे दूरी बना ली है। चर्चा है कि विरोधी धड़े ने वसुंधरा खेमे को पूरी तरह से हासिये पर डाल दिया है। इसलिए वसुंधरा राजे ने उससे दूरी बना ली है।परिवर्तन यात्रा पूरे प्रदेश में विभिन्न विधानसभा क्षेत्र से निकल रही है। 25 सितंबर को जयपुर में परिवर्तन यात्रा का समापन होगा। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनसभा को संबोधित करेंगे।परिवर्तन यात्रा में बीजेपी के बड़े नेता शामिल हो रहे हैं।केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत परिवर्तन यात्रा में न सिर्फ बढ़चढ़कर भाग ले रहे हैं,बल्कि अपने बयानों से जमकर सुर्खियां भी बटोर रहे हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि गजेन्द्र सिंह शेखावत परिवर्तन यात्रा में पूरी तरह से छाए हुए हैं ।
सतर्क हुई बीजेपी
राजस्थान में इस साल के अंत में चुनाव होना है। चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही प्रत्याशियों के चयन के लिए खूब माथापच्ची माता कर रहे हैं। ऐसे में चुनाव से पहले वसुंधरा राजे की नाराजगी बीजेपी को कहीं भारी न पड़ जाए वसुंधरा राजे समर्थक फिलहाल शांत हैं,लेकिन टिकट वितरण में अनदेखी होने पर इनके असंतोष का ज्वाला का फूट सकता है। सियासी जानकारों का यह भी कहना है कि बीजेपी आगामी चुनाव में 30 से 40 विधायकों का टिकट काटना चाहती है ।ये सभी विधायक वसुंधरा राजे के समर्थक माने जाते हैं।सियासी जानकारों का कहना है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी वसुंधरा राजे जैसे सीनियर और जमीन पर पकड़ वाले नेताओं को नजर अंदाज नहीं कर सकती है।कर्नाटक में येदियुरप्पा को नजरंदाज करने का आरोप बीजीपी के एक वर्ग ने लगाया जिस कारण पार्टी को वहां हाल के दिनों की सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा।