विकास कुमार
उत्तराखंड में सिल्क्यारा सुरंग के अंदर 41 श्रमिक एक सप्ताह से अधिक समय से फंसे हुए हैं। जैसे जैसे वक्त गुजर रहा है वैसे वैसे पीड़ित परिवारों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार का दावा है कि वह फंसे हुए लोगों को बचाने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी घटनास्थल का दौरा किया है,लेकिन अभी भी फंसे हुए मजदूरों की सांस अटकी हुई है। फंसे हुए मजदूरों को मल्टी विटामिन और सूखे मेवे भेज जा रहे हैं। फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए एसजेवीएनएल लंबवत ड्रिलिंग करेगा। रेलवे के माध्यम से गुजरात और ओडिशा से उपकरण जुटाए गए हैं, क्योंकि 75-टन उपकरण होने के कारण इसे हवाई मार्ग से नहीं ले जाया जा सकता था। गहरी ड्रिलिंग में विशेषज्ञता रखने वाला ओएनजीसी ने बड़कोट छोर से लंबवत ड्रिलिंग का काम भी शुरू कर दिया है।
वहीं उत्तराखंड में कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने रेस्क्यू मिशन पर सवाल उठाया है,उन्होंने कहा कि फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए सरकार के प्रयास नाकाफी हैं।
सरकार को जल्द से जल्द सभी फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालना चाहिए,क्योंकि अब फंसे हुए मजदूरों का मनोबल भी टूटने लगा है। अगर जल्द ही उन्हें नहीं निकाला गया तो कोई भी अनहोनी घट सकती है।