न्यूज डेस्क
निर्ल्लज राजनीति की बानगी हम कई बार देखते हैं । लेकिन जिस निर्लज्जता पर कभी हम ठहाके लगाते हैं ,कह सकते हैं कि राजनीति की सच्चाई वही है । पूरी को पूरी राजनीति ही चरित्रहीन है । और बेल्लज नेताओं के कहने ही क्या ? इधर फिर से एक निर्लज राजनीति बिहार से देखने को मिल रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से अलग होकर अपनी नई राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल का गठन करने वाले उपेंद्र कुशवाहा एक बार फिर बीजेपी के दर पर पहुंच गए हैं। कुशवाहा ने गुरुवार को दिल्ली में बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके कार्यालय में मुलाकात की। कुशवाहा के साथ बिहार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल भी मौजूद रहे।
उपेंद्र कुशवाहा और अमित शाह की इस मुलाकात को बिहार में तेजी से बदल रहे नए राजनीतिक समीकरण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह कहा जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा अपनी नई पार्टी के साथ एक बार फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं। कुशवाहा पहली मोदी सरकार में शामिल थे और केंद्रीय मंत्री भी थे। हालांकि उन्होंने बीच में ही पद से इस्तीफा देकर एनडीए को अलविदा कह दिया था।
उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार विधानसभा चुनाव के बाद अपनी पार्ची रालोसपा का जेडीयू में विलय कर दिया था और नीतीश कुमार के नेतृत्व पर भरोसा जताया था। लेकिन पार्टी में रहने के दौरान भी उन्होंने नीतीश-लालू गठबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। वे जेडीयू में होने के बावजूद लगातार नीतीश कुमार पर भी हमलावर थे, लेकिन पार्टी के अंदर बहुत ज्यादा समर्थन नहीं मिलने की वजह से उन्हें जेडीयू को छोड़ना पड़ा।
जेडीयू से अलग होकर कुशवाहा ने कुछ ही महीने पहले अपनी नई पार्टी का गठन किया है। यह कहा जा रहा है कि कुशवाहा एनडीए के घटक दल के तौर पर बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, दोनों ही पार्टियों की तरफ से अभी इसका औपचारिक ऐलान किया जाना बाकी है। वैसे कुशवाहा के इस कदम की संभावना काफी लंबे समय से जताई जा रही थी।