न्यूज डेस्क
दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में साल 2020 में हुए दंगों की साजिश में शामिल और यूएपीए व अन्य धाराओं में के तहत जेल में बंद जेएनयू के पूर्व छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दिया है। दिल्ली दंगे की साजिश के आरोपों को लेकर उमर खालिद की गिरफ्तारी हुई थी। खालिद की जमानत याचिका की अर्जी दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में लगाई गई थी। जहां से उसे झटका लगा है।
गौरतलब है कि दिल्ली कोर्ट ने यूएपीए के तहत दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश रचने के मामले में आरोपी उमर खालिद को जमानत देने से इनकार कर दिया। एएसजे समीर बाजपेयी ने खालिद द्वारा दायर दूसरी नियमित जमानत याचिका भी खारिज कर दी। दिल्ली में 2020 में हुए दंगों में साजिश रचने के आरोप में उमर खालिद को गिरफ्तार किया गया है। खालिद की तरफ से अदालत के समक्ष दूसरी बार नियमित जमानत याचिका दायर की गई थी। जिसे अदालत की तरफ से एक बार फिर से खारिज कर दिया गया।
इससे पहले मार्च 2022 में भी ट्रायल कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज की थी। अब कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशन जज समीर बाजपेयी ने भी उमर खालिद की जमानत की याचिका पर फैसला सुनाते हुए इसे खारिज कर दिया। जेएनयू के पूर्व स्कॉलर उमर खालिद को इस बार भी अदालत से राहत नहीं मिल पाई। इससे पहले 14 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट से उमर खालिद ने परिस्थितियों में बदलाव का हवाला देते हुए अपनी जमानत की याचिका वापस ले ली थी और फिर ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।