बीरेंद्र कुमार झा
रूस के साथ जारी संघर्ष के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जी- 7 देशों से समर्थन की मांग की, उन्होंने कहा लोकतंत्र की रक्षा के लिए स्पष्ट वैश्विक नेतृत्व की जरूरत है, दूसरी ओर जी 7 देशों ने यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए चीन से रूस पर दबाव डालने का किया आग्रह
G- 7 समूह में शामिल है ये देश
G7 दुनिया की 7 सबसे बड़ी विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का एक समूह इस समूह में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान,ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं।
यूक्रेन युद्ध पर बोले G- 7 के देश
G7 के नेताओं ने कहा कि वे चीन को नुकसान पहुंचाना नहीं चाहते हैं और चीन के साथ रचनात्मक और स्थिर संबंध रखना चाहते हैं।उन्होंने कहा कि हम चीन के साथ खुलकर बातचीत करने और अपनी चिंताओं को सीधे व्यक्त करने के महत्व को पहचानते हैं। जी 7 के नेताओं की तरफ से कहा गया कि हम चीन से आह्वान करते हैं कि वह रूस पर यूक्रेन पर किए जा रहे सैन्य हमले को रोकने के लिए दबाव डाले, और बिना शर्त यूक्रेन से अपने सभी सैनिकों को तुरंत हटा लेने के लिए कहे।
रूस -युक्रेन युद्ध मुद्दे पर बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मिलकर आवाज उठाने की जरूरत
जापान के हिरोशिमा शहर में आयोजित G-7 शिखर सम्मेलन में एक सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे यूक्रेन में मौजूदा हालात को राजनीतिक या अर्थव्यवस्था का नहीं बल्कि मानवता एवं मानवीय मूल्यों का मुद्दा मानते हैं।उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून,संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के लिए सभी देशों को एकजुट होने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G-7 बैठक की एक सत्र को संबोधित करते हुए यथास्थिति बदलने के एकतरफा प्रयासों के खिलाफ एक साथ मिलकर आवाज उठाने की पुरजोर वकालत की और कहा कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र संघ चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और एक दूसरे की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति यूक्रेन के राष्ट्रपति जेकेंस्की से हुई बातों का उल्लेख करते हुए कहा कि संघर्ष के समाधान के लिए उनसे जो भी संभव होगा वह करेंगे। उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति के समाधान के लिए भारत से जो कुछ भी बन पड़ेगा हम यथासंभव प्रयास करेंगे।प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत और जापान में हजारों वर्षों से भगवान बुद्ध का अनुसरण किया जाता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आधुनिक युग में भी ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसका समाधान हम बुद्ध की शिक्षाओं में नहीं खोज पाएं।