विकास कुमार
महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों शिंदे गुट की शिवसेना के विज्ञापन के इर्द गिर्द घूम रही है। शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को देवेंद्र फडणवीस से ज्यादा पॉपुलर बताने वाला एक सर्वे शेयर किया था। इसके बाद बीजेपी के नेता भी एकनाद शिंदे की शिवसेना पर आंख तरेरने लगे। दरअसल 15 जून को महाराष्ट्र की अखबारों में एक और विज्ञापन देखने को मिला। पहले वाले विज्ञापन में बाला साहेब ठाकरे और सीएम शिंदे के ‘गुरु’ आनंद दिघे की तस्वीर नहीं थी। नए विज्ञापन में इस ‘गलती’ को सुधार दिया गया। इस बीच उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना ने पूरे मामले पर चुटकी ली है। सामना के संपादकीय में लिखा है कि देवेंद्र फडणवीस ने मन को मारकर उपमुख्यमंत्री पद को स्वीकार किया था। इसलिए एकनाथ शिंदे उनसे श्रेष्ठ नहीं हो सकते।
सामना में उद्धव ठाकरे के गुट ने ये भी दावा किया कि बीजेपी और शिंदे की शिवसेना के बीच सब कुछ ठीक नहीं है, भले ही उनके नेता सब कुछ दुरुस्त होने का दावा कर रहे हों। विज्ञापन में सुधार के बाद भी देवेंद्र फडणवीस के ‘लक्षण’ ठीक नहीं लग रहे हैं। बीजेपी और शिंदे की गाड़ी पटरी से उतर रही है। पहले ही से शिंदे और बीजेपी के बीच मतभेद था लेकिन विज्ञापन आने के बाद ये मतभेद और बढ़ गया है।
वहीं इस विज्ञापन को शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने ‘गलती’ बता दिया था। वहीं, देवेंद्र फडणवीस ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि एक विज्ञापन से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। इस विज्ञापन से छिड़े विवाद को लेकर उद्धव गुट ने हमला करने का मौका हाथ से जाने नहीं दिया है। सामना के संपादकीय में बेहद ही सख्त लहजे में एकनाथ शिंदे और बीजेपी को निशाने पर लिया गया है। वहीं इस बीच बीजेपी नेता केशव मौर्य ने उद्धव ठाकरे से दोस्ती की पेशकश भी कर दी है। लेकिन अभी तक ठाकरे परिवार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।