विकास कुमार
महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की मौत पर बंबई उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। कोर्ट में शिंदे सरकार ने सरकारी अस्पतालों की स्थिति को ठीक बताया,लेकिन अदालत ने कहा कि राज्य अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने सरकार की दलीलों को सुना। सरकार का कहना था कि ऐसा नहीं लगता कि सरकारी अस्पतालों की ओर से कोई घोर लापरवाही बरती गई है। अदालत ने कहा कि यकीनन जो हुआ वह दुखद है, प्रत्येक मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण है।
वहीं शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने भी मरीजों की मौत को लेकर शिंदे सरकार पर हमला बोला है। ठाकरे ने ये आरोप लगाया कि सिस्टम में भ्रष्टाचार फैल गया है,सरकार के पास विज्ञापनों के लिए पैसा है लेकिन लोगों की जान बचाने के लिए कोई धन नहीं है।
वहीं उद्धव ठाकरे के हमले से बीजेपी और शिंदे की शिवसेना तिलमिला उठी है। महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने उद्धव ठाकरे पर पलटवार किया हैं बावनकुले ने दावा किया कि कोविड महामारी के दौरान ठाकरे सरकार ने बढ़ी हुई कीमतों पर बॉडी बैग खरीदा था। बावनकुले ने कहा कि जब महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीज मर रहे थे, तो ठाकरे टेंडर बांटने में व्यस्त थे।
सरकारी अस्पतालों में कई मरीजों की मौत हुई है,सरकार को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए और सरकारी अस्पतालों के इंतजामों को दुरुस्त करना चाहिए।