भारत की राजनीतिक क्षितिज पर एक नवसृजित राजनीतिक पार्टी ‘ उदय भारतम्’ का उदय हुआ है। उदय भारतम् राइजिंग इंडिया का पर्याय नहीं है,बल्कि यह इस देश को भारत बनाने की एक क्रांति है। उदय भारतम् पार्टी इस देश को भारत बनाने के इस क्रांति की चिनगारी को गांव की गलियों से लेकर कस्बों के चौराहों तक, शहरों के चौकों से लेकर महानगरों के मॉलों तक ही नहीं,बल्कि कानून निर्मात्री संस्था विधान सभा और लोकसभा तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उदय भारतम् पार्टी का यह उद्देश्य किसी राजनीतिक लाभ लेने से प्रेरित नहीं है, बल्कि इसका जुड़ाव भारत के प्राचीन गौरव,सनातन धर्म और इसमें निहित विश्व कल्याण की भावना से है।
भारत की आजादी को 77 वर्ष बीत गए। लेकिन इन वर्षों में भी भारत पूर्ण रूप से भारत नहीं बन सका, बल्कि संविधान के अनुसार यह इंडिया दैट इज भारत तक का ही सफर ही तय कर सका। अब जब उदय भारतम् पार्टी ने ऐसा करने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है तो, भारत सही मायने में भारत यानि देश के लोगों के उत्थान के साथ-साथ विश्व बंधुत्व और जगत कल्याण की सोच रखनेवाला देश तो बन ही जाएगा। लेकिन सवाल उठता है की संविधान सभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों के रहने और देश में विभिन्न राजनीतिक दलो के हाथों में कई बार विभिन्न राज्यों और केंद्र की सत्ता रहने के बावजूद भारत स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भी इंडिया दैट इज भारत के दलदल से निकलकर स्वर्णिम भारत क्यों नहीं बन सका? साथ ही एक बड़ा सवाल यह भी उठता है कि इतने दिनों तक जब इतने राजनीतिक दलों के रहने के बावजूद भी भारत सही ⁶ ⅝भारत नहीं बन पाया तो क्या इसके लिए भारतवासियों को आगे भी इन्हीं राजनीतिक दलों पर भरोसा करना पड़ेगा या उनके सामने कोई विकल्प मौजूद है ?
भारतवासी इस मामले में सही विकल्प का चयन कर सके इसके लिए प्रस्तुत है भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पार्टी और नवसृजित उदय भारतम् पार्टी का तुलनात्मक अध्ययन।
1 1885 ईस्वी में अस्तित्व में आए कांग्रेस पार्टी के महासचिव के रूप में ए तो हम का यह विचार था की अंग्रेजी सरकार की दया से भारतीयों के लिए कुछ-कुछ उदारवादी कार्य कर लिए जाए ताकि ब्रिटानिया हुकूमत और असंतुष्ट भारतीयों के बीच का तनाव कम करके अंग्रेजों के शासन को लंबा खींचा जाय,
जबकि 2024 में नवसृजित उदय भारतम् पार्टी अपनी स्थापना काल से ही भारत के प्राचीन गौरव की पुनर्स्थापना की सोच रखता है।
2 संविधान निर्मात्री सभा में सबसे अधिक कांग्रेस के सदस्य के रहने और एच भी कामत द्वारा स्वतंत्र भारत का नामकरण इंडिया की जगह भारत करने का प्रस्ताव पेश करने के बावजूद संविधान में इस देश का नाम भारत की जगह इंडिया दैट इज भारत करके छोड़ दिया।
जबकि नवसृजित ‘उदय भारतम् पार्टी अपने स्थापना कल के साथ ही भारत इस देश का नाम भारत करने के लिए एक वैचारिक क्रांति लाने का पक्षधर है।
3 कांग्रेस पार्टी की वर्तमान सोच में सत्ता पर येन केन प्रकारेण बने रहना की प्राथमिकता प्रतीत होती है,
जबकि नवसृजित उदय भारतम् पार्टी इस देश का नाम भारत रखने के साथ-साथ सही मायने में यहां भारतीयता और भारत के प्राचीन सनातन गौरव की स्थापना के साथ – साथ विश्वबन्धुत्व की कामना के सिद्धांतों वाली क्रांति का पक्षधर है।