हमारे संविधान में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण का प्रावधान इसलिए किया गया था,ताकि देश को जल्दी से जल्दी समरस समाज में परिवर्तित किया जा सके और देश के हर नागरिक को हर दृष्टिकोण से समान अवसर मिल सके। लेकिन परवर्ती दिनों में यही आरक्षण राजनीतिक दलों का हथियार बनकर हमारे संविधान पर ही आक्रमण कर रहा है और उसे पर तुर्रा यह कि राजनीतिक दलों द्वारा ऐसा करते समय दुहाई भी संविधान की ही दी जाती है। आईए जानते हैं आरक्षण को लेकर देश के प्रमुख राजनीतिक दल और नवसृजित राजनीतिक दल उदय भारतम् पार्टी का इसे लेकर विचार।
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पलामू जिला के छतरपुर में झारखंड मुक्ति मोर्चा और हेमंत सोरेन के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर भी जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले साफ कर दिया कि किसी भी कीमत पर अल्पसंख्यकों को आरक्षण नहीं दिया जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी को मुस्लिम संगठनों के लोगों ने एक पत्र सौंपकर 10 फीसदी आरक्षण देने की मांग की। इस पर कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने उनसे कहा कि हम आपकी मदद करेंगे। अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी जी, आपके मन में जो भी षड्यंत्र चल रहा हो,लेकिन एक बात कान खोलकर सुन लो कि जब तक भारतीय जनता पार्टी है, तब तक अल्पसंख्यकों को आरक्षण नहीं मिलेगा, नहीं मिलेगा, नहीं मिलेगा
पुष्पा देवी के पक्ष में प्रचार करने के लिए छतरपुर आए अमित शाह ने पूछा कि अगर मुसलमानों को झारखंड में आरक्षण दिया जाता है, तो किसका आरक्षण कम होगा?उन्होंने कहा कि इसके लिए पिछड़ा वर्ग, दलित और आदिवासियों के आरक्षण में कटौती होगी क्योंकि ये कांग्रेस वाले दलितों, पिछड़ा वर्ग और आदिवासियों का आरक्षण काटकर मुसलमानों को देना चाहते हैं।लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।
वहीं आरक्षण को लेकर नवसृजित पार्टी उदय भारतम् के विचारों की बात करें तो यह इन दोनों राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से परे आरक्षण का इस रूप में समर्थक है, जिस रूप से भारत में हर नागरिक को समानता का अवसर मिल सके। इसके प्रतीक चिन्ह एक चक्र और उसकी 10 तीलियों में एक प्रमुख बिंदु समानता भारत भी है, जो इसके उपरोक्त विचार का समर्थन करता है।