बीरेंद्र कुमार झा
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की मुश्किल एक बार फिर से बढ़ सकती है। राजधानी लखनऊ में उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे से संबंधित याचिका को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही अदालत ने केरल के वायनाड लोकसभा सीट से सांसद राहुल गांधी को नोटिस भेजा है।वहीं इस प्रकरण को एमपी- एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया है।अब कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई।
याचिका का एमपी एमएलए कोर्ट स्थानांतरण
प्रकरण के मुताबिक कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के विरुद्ध दाखिल अपराधिक परिवाद को खारिज किए जाने के निचली अदालत के आदेश के विरुद्ध जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार त्रिपाठी के समक्ष अपराधिक निगरानी दायर की गई है ।इस निगरानी याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने सांसद राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी लोगों को नोटिस जारी करते हुए याचिका को एमपी- एमएलए कोर्ट में विशेष न्यायाधीश के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया इसके साथ ही प्रकरण में 1 नवंबर को सुनवाई होगी।
परिवादी नृपेंद्र पांडे ने राहुल गांधी पर लगाया था आरोप
दरअसल परिवादी नृपेंद्र पांडे ने राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट तृतीय के समक्ष एक परिवाद दाखिल किया था। इसमें कहा गया कि विपक्षी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महानायक क्रांतिवीर विनायक दामोदर सावरकर पर टिप्पणी करते हुए उन्हें अंग्रेजों से पेंशन लेने वाला तथा अंग्रेजों का नौकर सहित मददगार बताया था।
जानबूझकर क्रांतिवीर सावरकर को अपमानित करने का आरोप
परिवादी ने आरोप लगाया था कि विपक्ष ने सोची समझी रणनीति और षड्यंत्र के साथ सावरकर को अपमानित करने के उद्देश्य से 17 नवंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में प्रेस वार्ता की ।इस दौरान उन्होंने सार्वजनिक मंच से सावरकर के विरुद्ध दोषारोपण कर समाज में वैमनस्यता फैलाने के मकसद से आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। निचली अदालत ने 14 जून 2023 को गुण दोष के आधार पर इसे खारिज कर दिया था।अब यह मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है।