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शुक्रवार को असम के विद्रोही संगठन यूनाइटेड लेब्रेशन फ्रंट ऑफ़ असम यानी उल्फा के साथ केंद्र और असम सरकार के बीच एक त्रिपक्षीय समझते पर हस्ताक्षर किए गए। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी इस मौके पर उपस्थित थे। समझौते पर हस्ताक्षर के बाद शाह ने कहा कि यह असम के भविष्य के लिए सुनहरा दिन है ।
उन्होंने कहा कि लंबे समय से असम और पूर्वोत्तर ने हिंसा को झेला है लेकिन मोदी सरकार के केन्द्र की सत्ता में आने के बाद से ही पूर्वोत्तर के साथ हर विषय पर दिल खोलकर बातचीत की गयी है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उग्रवाद और हिंसा मुक्त पूर्वोत्तर की दिशा में काम करता आ रहा है। इस दौरान पूर्वोत्तर के अलग अलग राज्यों में केन्द्र ने नौ शांति तथा अन्य समझौते किये हैं। इससे पूर्वोत्तर के बड़े हिस्से में शांति की स्थापना हुई है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न विद्रोही गुटों के नौ हजार से भी अधिक कैडराें ने इन समझौतों के माध्यम से आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा के साथ चलने का निर्णय लिया है।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि केन्द्र , असम और उल्फा के बीच आज त्रिपक्षीय समझौता हुआ है इससे शांति स्थापना की दिशा में बड़ी सफलता मिलेगी।
उन्हाेंने कहा कि इस समझौते के तहत उल्फा ने अपने कैडरों से हथियार और शिविरों को छोड़कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने की सहमति दी है। उन्होंने कहा कि उल्फा के लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष के दौरान गुट के दस हजार कैडर मारे गये हैं।
केन्द्र सरकार ने इस समझौते के तहत एक पैकेज की घोषणा की है और इसके अलावा कई क्षेत्रों में विकास की परियोजनाआें को भी मंजूरी दी गयी है। उन्होंने कहा कि इस समझौते पर पूरी तरह अमल किया जायेगा।उन्होंने कहा कि समझौते को पूरी तरह से अमलीजामा पहनाने के लिए एक समिति का भी गठन किया जायेगा।