बिहार विधानसभा के तीसरे दिन मंगलवार को सीएम नीतीश राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार और आरजेडी की सरकार के समय की जब तुलना की तो आरजेडी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया,जिसके बाद सत्ता पक्ष के लोगों ने विपक्ष को शांत रहने के लिए कहा। लेकिन जब वह नहीं माने तो सीएम नीतीश भड़क गए। तेजस्वी यादव को इंगित करते हुए उन्होंने कहा, “यह तो अभी बच्चा है. इनके पिता लालू प्रसाद यादव को हमने ही मुख्यमंत्री बनाया था। इसके बाद विपक्ष के विधायकों ने और शोर मचाना शुरू कर दिया।
मंगलवार को सदन में सीएम ने जैसे ही अपना भाषण शुरू किया।विपक्षी विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इस पर सीएम नीतीश भड़क गए। उन्होंने तेजस्वी यादव की ओर इशारा करते हुए कहा कि तुम्हें नहीं पता कि 2005 से पहले शाम के बाद कोई घर से बाहर नहीं निकलता था।हम केंद्र में मंत्री थे, सांसद थे, अपने इलाके में जाते थे तो पैदल ही जाना पड़ता था। समाज में बहुत विवाद होता था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे कहा कि पहले बिहार में बिजली की स्थिति भी बहुत खराब थी। वह भी हमारी सरकार आने के बाद सुधरी थी।इस दौरान सीएम ने कहा कि वह (आरजेडी) मुसलमानों का वोट तो लेते हैं, लेकिन उनके लिए कुछ काम नहीं करते हैं। सीएम ने दावा किया कि सत्ता में आने के बाद 2006 में ही उनकी सरकार ने कब्रिस्तान की घेराबंदी की। तब से लेकर राज्य में हिंदू मुस्लिम दंगे नहीं हुए हैं। सीएम ने भागलपुर दंगे का जिक्र करते हुए कहा कि जैसे ही हम सत्ता में आए तो सभी गड़बड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की। वहां पर जितने भी मुस्लिम परिवारों को दिक्कत थी, हमने दूर की।
सीएम के भाषण के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने जब उन्हें टोका तो सीएम भड़क गए।उन्होंने कहा कि तुम्हारे पिता को भी हम ही सीएम बनाए थे।तुम्हारे जाति वाले भी आपत्ति कर रहे थे कि काहे बना दिए। कोl
लालू यादव पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग को खत्म करने कर खाली पिछड़ा वर्ग करने वाले थे,हमने इसका विरोध किया था। फिर हम अलग हो गए थे