Homeदेशकही टिकट के लिए घमासान तो कही बागी बने मुसीबत !

कही टिकट के लिए घमासान तो कही बागी बने मुसीबत !

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न्यूज़ डेस्क 

पांच राज्यों के चुनाव में राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी ही लेकिन हर जगह झगडे चल रहे हैं। ये झगडे अंदर के हैं। कल तो जो नेता पार्टी का झंडा उठाये नारे लगा लारे थे आज टिकट नहीं मिलने से पार्टी के खिलाफ शोर मचा रहे हैं। यह हाल सभी पार्टियों का है। सबसे ज्यादा कांग्रेस और बीजेपी के बीच। दोनों पार्टियों के बीच ही असली मुकाबला है इसलिए दोनों पार्टी के बीच रार है लेकिन उससे भी बड़ी बात यह है कि दोनों ही पार्टी के भीतर बागी मुसीबत बनते जा रहे हैं।              
           विधानसभा चुनाव रण में उतरी भाजपा व कांग्रेस राजस्थान में शेष उम्मीदवारों के चयन की मशक्कत में जुटी है तो मध्यप्रदेश में विरोध को थामने और बागियों को मनाने में जुटी है। मध्यप्रदेश में सभी उम्मीदवार घोषित कर चुकी कांग्रेस में विरोध के स्वर अभी थमे नहीं हैं और पार्टी दो सीटों पर उम्मीदवार बदलने पर विचार कर रही है। प्रभारी महासचिव रणदीप सुरजेवाला और कमलनाथ बागियों को मनाने के प्रयास में जुटे हैं।                  
  उधर, भाजपा में टिकट कटने से नाराज चार विधायक मैदान में निर्दलीय उतरने की तैयारी में जुट गए हैं। राजस्थान में अभी चुनावी तस्वीर साफ नहीं है। कांग्रेस को 124 तो भाजपा को 76 सीटों पर प्रत्याशी तय करने हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार कांग्रेस को ज्यादा मशक्कत उन सीटों पर करनी पड़ रही है जहां भाजपा मजबूत मानी जाती है। पहली दो सूचियों में दिग्गज व स्थापित नेताओं को टिकट मिलने से विरोध के ज्यादा स्वर नहीं उभरे लेकिन पार्टी को आशंका है कि अन्य सूचियां जारी होने के बाद बगावत हो सकती है। ऐसे में पार्टी फूंक-फूंक कर कदम रखते हुए एक साथ लम्बी सूची के बजाय चरणबद्ध रूप से छोटी सूचियां जारी कर सकती है।
              छत्तीसगढ़ में भाजपा के लिए 4 सीटों पर पेंच फंसा है। सूत्रों का कहना है कि इस हफ्ते टिकट घोषित हो सकते हैं। कांग्रेस ने सभी उम्मीदवार घोषित करते हुए 22 विधायकों के टिकट काटे हैं। ऐसे में कई सीटों से विरोध और भितरघात की खबरें आ रही हैं। अंतागढ़ के विधायक अनूप नाग बागी होकर नामांकन दाखिल कर चुके हैं। पाली तानाखार से विधायक मोहित केरकेट्टा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी में जाने के संकेत दे चुके है। वहीं, मनेंद्रगढ़ के विधायक डॉ. विनय जायसवाल भी नाराज चल रहे हैं। उन्होंने भी गोंगपा से चुनाव लड़ने का मन बनाया था, लेकिन लेकिन सीएम हाउस से फोन जाने के बाद शांत हैं।
                               कांग्रेस ने फिलहाल उन 76 सीटों पर ही उम्मीदवार घोषित किए हैं जहां कोई विवाद नहीं है और पार्टी की मजबूत सीटें मानी जाती हैं। असली दिक्कत करीब 100 सीटों पर हैं जिनमें या तो पार्टी के गुटों का सर्वसम्मत प्रत्याशी नहीं है या भाजपा जहां मजबूत है। झालावाड़, कोटा, पाली, उदयपुर, बूंदी,चित्तौड़गढ जिलों में करीब तीन दर्जन सीटों पर भाजपा लगातार दो या इससे अधिक चुनाव जीती हुई है।
                       पार्टी इन सीटों के लिए रणनीति बना रही है वहीं आलाकमान के खिलाफ खुलकर बगावत करने वाले दो मंत्रियों शांति धारीवाल और महेश जोशी के अलावा सात मंत्रियों के भी टिकट तय नहींं हुए हैं। धारीवाल व जोशी को टिकट सीएम अशोक गहलोत की प्रतिष्ठा से जोड़ कर देखा जा रहा है।
                      उधर , शुरुआती दो सूचियों में टिकट कटने से नाराज दावेदारों के विरोध के बाद भाजपा डैमेज कंट्रोल मोड में है। इस वजह से पार्टी तीसरी सूची में कुछ समय लगा रही है। पार्टी विरोध वाली सीटों पर असंतुष्टों को मनाने के बाद पार्टी तीसरी सूची जारी करने के मूड में है। भाजपा सूत्रों ने 28 अक्टूबर से पहले तीसरी सूची जारी होने की संभावना जताई है।
                  भाजपा 124 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। पहली दो सूचियों में जिस तरह से स्थानीय नेताओं ने सार्वजनिक रूप से विरोध-प्रदर्शन किया, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। पार्टी डैमेज कंट्रोल मोड में आ गई। टिकट कटने से नाराज विधायक चंद्रभान आक्या ने निर्दलीय ताल ठोकने का ऐलान किया है। 

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