न्यूज़ डेस्क
पांच राज्यों के चुनाव की तारीख का ऐलान होते ही कांग्रेस ने तेलंगाना पर पूरा फोकस कर दिया है। पार्टी के सभी बड़े नेता तेलंगाना में डेरा डारे हुए हैं और पार्टी को लग रहा है कि अभी तक के जो हालत है यही हालत चुनाव तक बने रहे दक्षिण के इस राज्य में भी कांग्रेस की सरकार बन सकती है। हालांकि यह सब अभी शुरूआती आंकलन मात्र है लेकिन एक बात साफ़ है कि बीआरएस से मुकाबला करने में कांग्रेस आगे बढ़ती दिख रही है।
अभी हालिया सर्वे भी बता रहे हैं कि कांग्रेस अगर आज के माहौल के साथ ही आगे बढ़ती है तो तेलंगाना में वह सरकार भी बना सकती है। एबीपी-सीवोटर ओपिनियन पोल के अनुसार, 30 नवंबर को होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे आगे उभर रही है।119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा में कांग्रेस के लिए सीटों की अनुमानित सीमा 48-60 है, जबकि सत्तारूढ़ बीआरएस के लिए यह 43-55 है। सर्वे बता रहा है कि यदि कांग्रेस सीमा के ऊपरी छोर को पार कर जाती है, तो वह साधारण बहुमत प्राप्त कर सकती है, अन्यथा यह त्रिशंकु विधानसभा होगी।
कांग्रेस को 54 सीटें मिलने का अनुमान है, जो 2018 की तुलना में 35 सीटों का भारी लाभ है। बीआरएस को 49 सीटें मिलने का अनुमान है, जो उसकी पिछली 88 सीटों से काफी कम है। 10.5 प्रतिशत की बढ़त के साथ 38.8 प्रतिशत के अनुमानित वोट शेयर के साथ कांग्रेस के पक्ष में भारी झुकाव है। ओपिनियन पोल के मुताबिक, बीआरएस का वोट शेयर 9.4 फीसदी घटकर 37.5 फीसदी पर पहुंच गया है।
भाजपा 16.3 फीसदी के साथ 9.3 फीसदी वोट शेयर हासिल कर रही है। पार्टी को तेलंगाना में आठ सीटें मिलने का अनुमान है, जो पिछली सीट से सात अधिक है।
छत्तीसगढ़ और मिजोरम में 7 नवंबर से चुनाव शुरू हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान होगा – 7 और 17 नवंबर को। मध्य प्रदेश में मतदान 17 नवंबर को होगा, जबकि राजस्थान और तेलंगाना में क्रमशः 23 और 30 नवंबर को मतदान होगा। सभी राज्यों की मतगणना 3 दिसंबर को होगी।

