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जोशीमठ में भू-धंसाव का दायरा बढ़ा, औली रोपवे के प्लेटफॉर्म में भी दरारें

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न्यूज डेस्क: जोशीमठ में भू-धंसाव का दायरा बढ़ता जा रहा है। जोशीमठ शहर को औली से जोड़ने वाला 4.15 किलोमीटर लंबा रोपवे अब खतरे में दिखाई देने लगा है। शुक्रवार देर रात रोपवे के प्लेटफॉर्म के पास बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गयीं। वहीं लगातार बढ़ रहे खतरे के बीच एक गोशाला का भवन भरभराकर गिर पड़ा,जबकि होटलों को गिराने में एहतियात बरतने के साथ रेड जोन में सर्वे जारी है।

जोशीमठ भू-धंसाव की चपेट में विश्वप्रसिद्ध औली रोपवे भी आ गया है, हालांकि रोपवे के एक नंबर टावर के पास बीते दिनों दरारें आने के बाद प्रशासन ने संचालन पर रोक लगा दी थी। जोशीमठ से औली तक 4 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी के इस रोपवे में दस टावर हैं। औली जाने के लिए पर्यटक रोपवे को ही पंसद करते हैं,क्योंकि इससे जाने में 15 मिनट का समय लगता है।

लोग न डरें, इसलिए भू-धंसाव की सूचनाओं पर रोक

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने देश की 12 एजेंसियों और विशेषज्ञ संगठनों को जोशीमठ के बारे में कोई भी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या मीडिया को जारी करने पर रोक लगा दी है। विभिन्न स्त्रोतों से अलग-अलग तरह की सूचनाओं के कारण देशभर में भ्रम की स्थिति पैदा होने और घटना प्रभावित निवासियों में डर बढ़ने का हवाला देते हुए यह रोक लगायी गयी है।

एनडीएमए ने सीबीआरआई रुड़की और आईटीआई रुड़की समेत इन संस्थाओं के प्रमुखों को शनिवार पत्र लिखकर सूचनाओं पर रोक लगायी। प्राधिकरण ने सभी संस्थाओं से कहा कि इस मामले में और संवेदनशीलता बरतें। मामले के लिए विशेषज्ञ ​समिति का गठन किया गया है। जब तक समिति की अंतिम रिर्पोट नहीं आ जाती,मीडिया में कुछ भी साझा करने से बचें,भू-धंसाव से संबंधित कोई भी डाटा साझा न करें।

9 वार्ड,782 भवनों में दरारें,4 में अत्यधिक भू-धंसाव

 शनिवार को जारी जोशीमठ आपदा प्रबंधन ​बुलेटिन के अनुसार जोशीमठ नगर के नौ वार्डों में 782 भवनों में दरारें अब तक पायी जा चुकी हैं। इनमें टॉप पांच में रविग्राम में 161, गांधीनगर में 142, मनोहर बाग में 126, सिंहधार में 114 और सुनील वार्ड में 75 भवनों में दरारें पायी जा चुकी हैं। इनके अलावा पाइपा मारवाडी में 35, लोअर बाजार में 34, अपर बाजार में 40 परसाी में 55 भवनों में दरारें आई हैं।

 

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