न्यूज़ डेस्क
मणिपुर में अशांति ही अशांति है .हालांकि चारो तरफ सेना और पुलिस की तैनाती तो दिख रही है लेकिन भीड़ के सामने किसी का भी कुछ नहीं चल रहा है। आज तड़के मणिपुर की गुस्साई जनता ने महिलाओं को नंगा घुमाने के आरोपी खुयरूम हेरादास के घर में आग लगा दी। पूरा घर जलकर ख़ाक हो गया। इस घटना में किसी की जान नहीं गई है लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बना हुआ है। बता दें कि खेरादास पलिस हिरासत में है। उसकी गिरफ्तारी कल सुबह ही हो गई थी। जानकारी के मुताबिक इस मामले में अभी तक चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
वायरल वीडियो में मणिपुर के कांगपोकपी जिले में दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाते हुए दिखाया गया है। पुलिस के मुताबिक, 3 मई को पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद ये घटना हुई थी। हालांकि, मामले का फुटेज बुधवार को सामने आया। वीडियो के वायरल होने के बाद ने देश भर में आक्रोश पैदा हो गया। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग होने लगी।
वीडियो के सामने आने के बाद गुरुवार को पीएम मोदी से लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ तक ने रोष जताया। वहीं, वीडियो पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मणिपुर पुलिस ने बुधवार रात को थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार घटना के संबंध में मुख्य आरोपी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
गुरुवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि घटना की गहन जांच चल रही है और संभावित मृत्युदंड सहित सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 150 से अधिक लोग मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं।
दरअसल, मणिपुर में 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा मेइतेई/मीतेई को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में आयोजित एक रैली के दौरान हिंसा हुई थी। 19 अप्रैल को मणिपुर उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य के मेइती समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में मार्च का आयोजन किया गया था। मैतेई राज्य की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हिस्सा हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।