न्यूज़ डेस्क
कर्नाटक चुनाव की घोषणा होते ही बरसाती मेढक की तरह ही नेताओं के बोल बदलने लगे हैं और उनकी टरटराने की आवाज सुनाई पड़ने लगी है। कल तक किसी और पार्टी के झंडा थामे नेता उस पार्टी और झंडे को गरिया रहे हैं और पाला बदलने में तनिक भी हिचक नहीं रहे। जानकारी के मुताबिक जेडीएस के वरिष्ठ विधायक ए टी रामास्वामी ने भाजपा का दामन थाम लिया। दिल्ली स्थित बीजेपी राष्ट्रीय मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, भाजपा राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम और नलिन कोहली की मौजूदगी में ए टी रामास्वामी ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। दूसरी ओर कर्नाटक के बल्लारी जिले के कुदलिगी विधानसभा से बीजेपी विधायक एनवाई गोपालकृष्ण ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उनके कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है। इससे पहले भी बीजेपी के दो एमएलसी ने इस्तीफा दिया था। दोनों ने कांग्रेस का दामन थामा है। चुनाव पूर्व नेताओं में मची इस उठापटक के पीछे टिकट काटे जाने की चर्चा है।
शनिवार को दिल्ली में जेडीएस विधायक को बीजेपी में शामिल कराते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि चार बार के विधायक रह चुके ए टी रामास्वामी का भाजपा में स्वागत करते हुए यह दावा किया कि उनके जैसे वोक्कालिंगा समुदाय के बड़े नेता के भाजपा में आने से कर्नाटक में भाजपा को बल मिलेगा और पार्टी और ज्यादा मजबूत होगी।
बीजेपी में शामिल होने के बाद रामास्वामी ने कहा कि, मैं वास्तव में भाजपा के काम करने के तरीके से प्रभावित हूं। मैं पैसे की ताकत का शिकार हूं, क्योंकि मैं हमेशा अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की बात करता था। मैं बिना किसी शर्त के भाजपा में शामिल हो रहा हूं। मैंने विधायक के टिकट की भी कोई बात नहीं की है। मैं सिर्फ लोगों की सेवा करने का अवसर चाहता हूं।
ए टी रामास्वामी कर्नाटक के अरकलगुडा से जेडीएस के विधायक हैं, हालांकि भाजपा में शामिल होने से एक दिन पहले शुक्रवार को ही उन्होंने विधान सभा से अपना इस्तीफा दे दिया था। कर्नाटक में विधान सभा के लिए 10 मई को मतदान होना है और 13 मई को इसके नतीजे आएंगे। बीजेपी इस बार अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल कर सरकार बनाने का दावा कर रही है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कर्नाटक के कई अन्य दिग्गज नेता भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
कर्नाटक के बल्लारी जिले के कुदलिगी विधानसभा से बीजेपी विधायक एनवाई गोपालकृष्ण ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उनके कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है क्योंकि उन्हें चित्रदुर्ग जिले के मोलाकलमुरु क्षेत्र से टिकट की उम्मीद है। चार बार के विधायक रहे गोपालकृष्ण के इस्तीफे के फैसले से बीजेपी कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया है। उन्होंने हाल ही में कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार से मुलाकात की थी।
