न्यूज़ डेस्क
देश भी शर्मसार है इस खेल से। इल्जाम टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर है कि उसने एक व्यापारी दर्शन हीरानंदनी के इशारे पर संसद में कई सवाल किये और मोदी सरकार को घेरा। यह कितना सच या झूठ यह की नहीं जानता। जानेगा भी नहीं। राजनीति ऐसे ही चलती है। पिछले साल भर के राजनीतिक खेल पर ही नजर डालिये तो पता चलेगा कि बीजेपी के लोगों ने कई बड़े कारनामे किये लेकिन उनके साथ वह सब नहीं हुआ जिसकी अपेक्षा की जा रही थी। लेकिन विपक्षी नेताओं के साथ वह सब किया गया जिसकी भी अपेक्षा थी। आज महुआ बीजेपी के लपेटे में है। महुआ पर जो आरोप है वह सच भी हो सकता है क्योंकि देश के अधिकतर सांसद और विधायक पैसे के लिए कुछ भी करते हैं और फिर पैसे लेकर संसद और विधानसभाओं में सवाल पूछने की बात तो बहुत आसान है ।
खेल तो इससे आगे का है। सामने चुनाव है और ये सभी बाते उसी चुनाव के इर्द गिर्द हो रहे हैं। कोई नहीं जानता कि महुआ के साथ आगे क्या होगा। कोई यह भी नहीं जानता कि व्यापारी दर्शन व्यापारी के साथ ही आगे क्या होगा लेकिन यह सब जानते हैं कि यह देश व्यापारी के इशारे पर ही काम करता है और अधिकतर नेता व्यापारियों के गुलाम जैसे हैं।
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने विस्फोटक खुलासा किया है। रियल एस्टेट कारोबारी दर्शन हीरानंदानी सरकारी गवाह बन चुके हैं। उन्होंने हलफनामे में दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने उन्हें अडानी समूह पर सवाल पूछने के लिए अपनी संसद लॉगिन आईडी दी थी। इसके जरिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी को निशाना बनाना चाहती थीं। अगर ये आरोप साबित हो जाते हैं तो यह विशेषाधिकार उल्लंघन का मामला होगा, जिसके लिए उनके खिलाफ निलंबन आदेश लाया जा सकता है।
तृणमूल सांसद निशिकांत दुबे की ओर से लगाए गए आरोपों के बाद से ही भाजपा इस मामले को लेकर लगातार हमलावर है। तीन पन्नों के हलफनामे में व्यापारी ने कबूल किया कि लॉगिन आईडी साझा करने के अलावा मोइत्रा ने उनसे कुछ फेवर लिए। हालांकि उन्होंने मुख्य आरोप को खारिज कर दिया कि अपने व्यापारिक प्रतिद्वंद्वी अडानी समूह को मात देने के लिए हीरानंदानी समूह की ओर से 50 से अधिक संसदीय प्रश्न पूछे गए।
हलफनामे में लिखा है कि महुआ मोइत्रा ने सोचा कि पीएम मोदी पर हमला करने का एकमात्र तरीका गौतम अडानी पर हमला करना है। इसके लिए उन्होंने अपनी संसद लॉगिन आईडी साझा की ताकि वह प्रश्न पूछ सकें। उन्होंने यह भी दावा किया कि मोइत्रा को इस दौरान पत्रकारों, विपक्षी नेताओं और अडानी समूह के पूर्व कर्मचारियों सहित अन्य लोगों का भी समर्थन मिला।
उन्होंने यह भी दावा किया कि तृणमूल सांसद महत्वाकांक्षी हैं, जिन्होंने कई मांगें की थीं। व्यापारी ने उन्हें पूरा भी किया। हलफनामे में लिखा गया कि उनकी डिमांड में महंगी विलासिता की वस्तुएं उपहार में देना, दिल्ली में आवंटित बंगले का रिनोवेशन, ट्रैवल अलाउंस, वैकेशन आदि के लिए आर्थिक मदद करना शामिल है।”
दर्शन हीरानंदानी के मुताबिक, वे उन्हें नाराज करने का जोखिम नहीं उठा सकते थे। उन्होंने कहा- “कई बार मुझे लगा कि वह मेरा अनुचित फायदा उठा रही हैं और मुझ पर उन चीजों को करने के लिए दबाव डाल रही है जो मैं नहीं करना चाहता था, लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था।”

