बीरेंद्र कुमार झा
जम्मू कश्मीर के पूछ जिले में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने गुरुवार को सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया।इस हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए और 2 घायल सैनिक अस्पताल में भर्ती हैं।अधिकारियों के अनुसार तलाशी अभियान के लिए जा रहे वाहनों को आतंकवादियों ने धेरा की गली और बुफालियाज के बीच स्थित धतियार मोड पर घात लगाकर इस हमले को अंजाम दिया।
पीएएफएफ ने ली इस हमले की जिम्मेवारी
पाकिस्तान स्थित लश्कर ए तैयबा की शाखा पीपल्स एंट्री फास्टिस्ट फ्रंट (पी एएफएफ) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। जम्मू में रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्नवाल ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में पुख्ता खुफिया जानकारी के आधार पर पूछ जिला के डेरा की गली इलाके में बुधवार रात एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया था। अधिकारी ने बताया कि ये जवान घटनास्थल की ओर बढ़ रहे थे, तभी आतंकवादियों ने दो वाहनों एक ट्रक और एक जिप्सी पर गोलीबारी कर दी।
सुरक्षा बलों ने हमले का दिया त्वरित जवाब
रक्षा प्रवक्ता ने बताया की सुरक्षा बलों ने आतंकियों के इस हमले का तुरंत जवाब दिया। अधिकारियों ने बताया कि जारी अभियान में पांच सैनिक शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए।घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि अभियान जारी है और विस्तृत जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।घटनास्थल पर सड़कों पर पड़ा खून सैनिकों के टूटे हुए हेलमेट और सेना के दो वाहनों के टूटे हुए शीशे दिखाई दे रहे हैं। अधिकारियों ने भीषण टकराव के दौरान सैनिकों और आतंकवादियों के बीच आमने-सामने की लड़ाई होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया है।अधिकारियों ने कहा कि ऐसी संभावना है कि जिन सैनिकों पर हमला किया गया, आतंकवादी उनके हथियार लौटकर भी चले गए। अभियान जारी रहने के दौरान अधिकारी अधिक जानकारी इकट्ठा करने और क्षेत्र में आतंकवादियों द्वारा उत्पन्न खतरे को समाप्त करने की पूरजोर कोशिश में जुटे हुए हैं।
इस साल मुठभेड़ में अब तक उन्हें सुरक्षाकर्मी हो चुके हैं शाहिद
राजौरी,पूंछ और रियासी जिलों में इस साल मुठभेड़ में अब तक 19 सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके हैं और 28 आतंकवादी मारे गए हैं। इससे पहले अक्टूबर 2021 में इस वन क्षेत्र में आतंकवादियों के दो अलग-अलग हमले में 9 सैनिक शहीद हो गए थे। चमरेर में 11 अक्टूबर को एक जूनियर कमीशन अधिकारी सहित पांच सैनिक शहीद हुए थे, जबकि 14 अक्टूबर को एक निकटवर्ती जंगल में एक जेसीओ और तीन सैनिकों ने जान गंवाई थी।