शनिवार को ईरान ने पुर्तगाल का झंडा लगा यूएई से आ रहे जिस इजरायली जहाज को अपने कब्जे में ले लिया, उसमें इजरायली नागरिकों के अलावा 17 भारतीय भी शामिल हैं। अभी भारत ईरान से अपने इन 17 नागरिकों की रिहाई के लिए ढंग से बात भी नहीं कर पाया था कि इस बीच शनिवार को आधी रात में ईरान ने इसराइल पर हमला कर दिया। भारत ईरान और इजरायल के बीच की मौजूदा स्थिति के बीच खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहा है। भारत ने आधिकारिक तौर पर बयान जारी कर ईरान और इजरायल के बीच की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई है। भारत सरकार का कहना है कि हम इसराइल और ईरान के बीच बढ़ रहे तनाव को लेकर चिंतित हैं, जिससे क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को खतरा है।
17 भारतीयों की रिहाई का मुद्दा भारत के लिए चिंता का विषय
13 अप्रैल की आधी रात ईरान ने इजरायल पर ताबड़तोड़ मिसाइल और ड्रोन से हमला किया, जिनकी संख्या 300 से अधिक बताई जा रही है। इस घटना ने मिडल ईस्ट में तनाव बढ़ा दिया है।इसराइल पर ईरान के हमले से दुनिया भर में हलचल मच गई ह। ऐसे में भारत के लिए अपने उन 17 भारतीयों को छुड़ाने का मुद्दा सबसे बड़ी चिंता का सबब बन गया है जो इस समय ईरान के कब्जे में है।गौरतलब है कि 13 अप्रैल को ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने होर्मूज स्ट्रेट से गुजर रहे इजरायल की एक जहाज एमएससी एरीज को कब्जे में कर लिया था। यह जहाज लंदन की जोडियक मैरिटाइम है जो इजरायल की अरबपति आइल ऑफर के जोडियक ग्रुप का है।यह जहाज संयुक्त अरब अमीरात बंदरगाह से रवाना हुआ था।इस जहाज में 17 भारतीय भी सवार थे, जिसे ईरान ने बंधक बना लिया है।
ईरान और इजरायल के बीच फंसा भारत
ईरान और इजरायल के बीच की मौजूदा स्थिति के बीच भारत की चिंता अपने 17 नागरिकों को बचाने की है,इसलिए भारत इस मामले में बेहद संतुलित बयान दे रहा है। भारत ने आधिकारिक तौर पर बयान जारी कर ईरान और इजरायल के बीच की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई है। भारत सरकार का कहना है कि हम इसराइल और ईरान के बीच बढ़े तनाव को लेकर चिंतित हैं, जिससे इस क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को खतरा है। भारत सरकार का कहना है कि सरकार से वाकिफ है कि ईरान ने एमएससी एरिज जहाज को कब्जे में ले लिया है।सरकार को पता है कि जहाज पर 17 भारतीय नागरिक हैं। भारतीय सरकार भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उसकी जल्द रिहाई को लेकर डिप्लोमेटिक माध्यमों के जरिए ईरान सरकार के संपर्क में है। अगर इन दोनों देशों के बीच टकराव में इजाफा होता है तो भारत के लिए निश्चित रूप से चुनौती पैदा होगी। गौरतलब है कि ईरान और इसराइल दोनों ही देश से भारत के अच्छे संबंध है,लिहाजा कोई भी स्टैंड लेने से पहले भारत सभी स्थितियों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
भारत सरकार जा पहला लक्ष्य ईरान में बंधक बने 17 भारतीयों की रिहाई
इस समय भारत सरकार का पहला लक्ष्य ईरान के कब्जे वाले इजरायल के जहाज में मौजूद 17 भारतीयों की रिहाई सुनिश्चित करना है। इन 17 भारतीयों की रिहाई के बाद भारत ईरान और इजराइल में बड़ी संख्या में रह रहे भारतीयों को भी सुरक्षित रूप से निकलने का प्रयास करेगा। गौरतलब है कि इसराइल में लगभग 18,000 तो ईरान में लगभग 5000 भारतीय रहते हैं।गौरतलब है कि भारत इससे पहले भी युद्ध ग्रस्त यूक्रेन से अपने नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित कर चुका है। इसके अलावा इराक- ईरान युद्ध के समय में भी भारत ने भारतीय नागरिकों को सुरक्षित अपने देश वापस लाने में सफलता प्राप्त की थी।
ईरान और इजराइल से भारत के संबंध
ईरान में जहाज में बंधक बने 17 भारतीयों के अलावा ईरान और इजराइल में रह रहे भारतीयों की सुरक्षित गृह वापसी इस बात पर निर्भर करेगी कि भारत का इन दोनों देशों से कैसा संबंध है?बात अगर ईरान और इजराइल से भारत के संबंध की की जाए तो इजरायल भारत का बहुत पुराना सहयोगी देश है।दोनों देशों के संबंध बहुत प्रगाढ़ रहे हैं। विशेष रूप से रक्षा और तकनीकी के क्षेत्र में इसराइल एक तरह से भारत का मददगार रहा है। वहीं क्षेत्रीय सुरक्षा की दृष्टि से देखें तो ईरान भी भारत का एक हितकारी राष्ट्र है।