न्यूज़ डेस्क
अचानक भारत -बांग्लादेश बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया है। बांग्लादेश की तरफ से भारत विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं। जब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा करमगंज के दौरे पर गए थे तब भारत विरोधी नारों की गूंज उठ रही थी।
खबर के मुताबिक, इन लोगों ने नारे लगाते हुए कहा, “जिनके घर बांग्लादेश में हैं, उन्हें तुरंत भारत छोड़ देना चाहिए। भारतीय सामानों का बहिष्कार करें। ” यह घटना बांग्लादेश में हाल ही में हुए राजनीतिक उथल-पुथल के बाद हुई।
खासकर प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और हिंदुओं पर अत्याचार की तमाम घटनाएं सामने आई हैं, जो भारत-बांग्लादेश संबंधों में बढ़ते तनाव को दर्शाती हैं।
इससे पहले 20 अगस्त को पुलिस ने अली हुसैन को गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में अवैध रूप से प्रवेश कराने में शामिल एक दलाल है।
हुसैन को दक्षिण सलमारा जिले के हाजीरहाट गांव में पैसे के बदले नदी के किनारे से लोगों की तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस पर घुसपैठियों को शरण देने और भारत में घुसपैठ करने में मदद करने का भी आरोप है।
बता दें कि अली हुसैन की गिरफ्तारी से पहले 19 अगस्त को धुबरी में एक बांग्लादेशी महिला की हिरासत में लिया गया था, जिसे बाद में बांग्लादेशी अधिकारियों को सौंप दिया गया।
महिला ने दावा किया था कि वह और उसका एक बड़ा ग्रुप अली हुसैन सहित कई और दलालों की सहायता से भारत में घुसे थे और उन्होंने अपनी सेवाओं के लिए उन्हें 2,500 बांग्लादेशी टका का भुगतान किया था।