न्यूज़ डेस्क
पांच राज्यों के चुनाव में अब तेलंगाना की लड़ाई बच गई है। आज राजस्थान में मतदान हो रहे हैं और टेलनगना में 30 नवम्बर को मतदान होने हैं ,टेलनगना में केसीआर की सरकार है और वहां बीजेपी और कांग्रेस भी पूरी ताकत के साथ मैदान में खड़ी है। कह सकते हैं कि तेलंगाना त्रिकोणीय लड़ाई में फंस गया है। किसके पक्ष में परिणाम जायेंगे कोई नाजी जानता। यह भी कोई नहीं जनता कि जिस तरह की लड़ाई जारी है उसमे कही विधान सभा हंग ही न हो जाए। कांग्रेस का पाना दावा है जबकि बीजेपी का अपना खेल है। उधर बीआरएस किसी भी सूरत में सत्ता में बने रहने को तैयार है। तेलंगाना की बीआरएस सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर हमलावर नजर आने वाले वाली भाजपा ने अब तुष्टिकरण को लेकर भी राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पर तीखा राजनीतिक निशाना साधना शुरू कर दिया है।
तेलंगाना में पूरी ताकत से विधान सभा चुनाव लड़ रही भाजपा हिंदुत्व और ओबीसी सीएम के वादे से तेलंगाना के वोटरों को साधने की कोशिश कर रही है। राज्य में भाजपा सरकार बनने पर ओबीसी मुख्यमंत्री बनाने का वादा तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बहुत पहले ही कर चुके हैं।
शाह ने तेलंगाना के निजामाबाद के आरमूर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए एक बार फिर से अपने पुराने वादे को दोहराया और कहा, “केसीआर ने पिछले चुनाव में कहा था कि हम दलित मुख्यमंत्री बनाएंगे लेकिन नहीं बनाया। तेलंगाना में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद पिछड़े समुदाय से मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।”
इसके साथ ही शाह ने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए भी केसीआर पर निशाना साधते हुए अपनी रैली में आगे कहा, “केसीआर रजाकारों और ओवैसी के डर से हैदराबाद मुक्ति दिवस नहीं मनाते हैं। लेकिन, भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हैदराबाद मुक्ति दिवस को राज्योत्सव की तरह मनाया जाएगा।”
शाह ने मुस्लिम आरक्षण को भी खत्म करने का वादा करते हुए आगे कहा, “केसीआर तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं। केसीआर का चुनाव चिह्न कार है किंतु कार की स्टीयरिंग केसीआर के पास नहीं है। ये स्टीयरिंग ओवैसी बंधुओं के हाथ में है। वास्तव में ऐसा प्रतीत होता है कि ओवैसी बंधु ही केसीआर सरकार को चला रहे हैं। केसीआर सरकार ने तेलंगाना में एक विशेष वर्ग को खुश करने के लिए अलग से मुस्लिम वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान किया है। लेकिन, भाजपा की सरकार बनने पर हम इस आरक्षण को रद्द कर ओबीसी, एससी, एसटी वर्गों के लिए आरक्षण सुनिश्चित करेंगे।”
हिंदुत्व के मुद्दे को तेलंगाना में पूरी तरह से स्थापित करने के लिए शाह ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का जिक्र करते हुए यह भी कहा, “कांग्रेस पार्टी ने 70 साल तक राम मंदिर को अटका कर रखा। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में भव्य श्रीराम मंदिर का शिलान्यास कर मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। अब 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। तेलंगाना में भाजपा की सरकार बनने पर तेलंगाना के सभी लोगों को बारी-बारी अयोध्या में श्री रामलला के नि:शुल्क दर्शन कराया जाएगा।”