बीरेंद्र कुमार झा
आरजेडी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने तेजस्वी यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्होंने तेजस्वी यादव को अहमदाबाद कोर्ट के निचली अदालत में उपस्थिति से छूट दे दी है।
मानहानि मामले में 22 सितंबर को किया गया था तलब
अहमदाबाद की कोर्ट में इस मामले में 4 नवम्बर को सुनवाई हुई थी। वहां तेजस्वी यादव के वकील ने बताया कि उन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मानहानि केस को ट्रांसफर करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।उसके बाद इस मामले पर 6 नवंबर को सुनवाई रखी गई।आरजेडी नेता ने अपने वकील के माध्यम से गुजरात के अतिरिक्त मेट्रो पॉलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार की अदालत में उपस्थित से छूट मांगी थी, जिसने उन्हें उनकी कथित टिप्पणी के लिए आपराधिक मानहानि मामले में 22 सितंबर को तलब किया था।
कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकते
तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट के सामने सीआरपीसी की धारा 406 के तहत एक याचिका दायर की। इसमें तेजस्वी यादव ने कहा कि वह एक कानून का पालन करने वाले नागरिक, और बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं और आमतौर पर पटना में अपने आधिकारिक पते पर रहते हैं।लिहाजा अपनी जिम्मेदारियां के चलते की अदालत के समक्ष आगे की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकते हैं, जिसमें आम जनता के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं की देखरेख शामिल है।वे आगामी धार्मिक उत्सवों पर भी नजर रख रहे हैं जो काफी आवश्यक है।
मार्च 2023 में तेजस्वी यादव ने गुजरातियों को लेकर दिया था बयान
मार्च 2023 में तेजस्वी यादव ने गुजरातियों को लेकर बयान दिया था। तेजस्वी यादव ने मीडिया के सामने गुजराती लोगों पर टिप्पणी की थी। इसी बयान पर आपत्ति जताते हुए हुए गुजरात के एक कारोबारी और सामाजिक कार्यकर्ता हरिश मेहता ने तेजस्वी यादव के खिलाफ अहमदाबाद के स्थानीय मेट्रोपोलिटन कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया। याचिकाकर्ता ने तेजस्वी यादव के बयान को गुजरातियों की भावना को आहत करने वाला बताया था।