- बीरेंद्र कुमार झा
कोलकाता के चेतला हाट रोड इलाके में इन दिनों टीबी का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। इस क्षेत्र 430 लोग टीबी से संक्रमित पाए गए हैं। इस इलाके के मेयर ने बताया की चेतला हाट रोड इलाके में निगम का अर्बन प्रायमरी हेल्थ सेंटर भी है,इसके बावजूद यहां बड़ी संख्या में लोग टीबी की चपेट में आ रहे हैं। टीबी से संक्रमित लोग कुपोषण के भी शिकार हैं।
कैसा है इलाक़े की स्थिति
बस्ती वाला इलाका होने के कारण चेतला हाट में घनी जनसंख्या है।यहां एक ही जगह पर कई लोग रहते हैं। यह पेयजल के लिए एक ही नल का इस्तेमाल करते हैं। शौचालय के लिए भी लोग एक ही शौचालय में जाते हैं।जल निकासी और स्वच्छता की व्यवस्था भी यहां काफी लचर है। टीवी एक संक्रामक बीमारी है यही कारण है कि यहां एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति टीबी से संक्रमित हो रहा है। फिलहाल निगम ने इसी 2 फिजीशियन यहां किए हैं जो इस इलाके पर नजर बनाए हुए हैं।
मरीजों के इलाज पर रखी जा रही नजर
मेयर ने बताया इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ को इस इलाके की स्थिति की जानकारी पहले ही दी गई थी।इसके बाद पब्लिक हेल्थ के विशेषज्ञ चिकित्सक लगातार इस इलाके का दौरा कर रहे हैं। मरीजों के इलाज पर नजर रखी जा रही है।मेयर ने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रित है, लेकिन इसके बावजूद यदि यहां मरीजों की संख्या बढ़ती है तो मरीजों को यहां से हटाकर कोलकाता के गोराल इलाके में ले जाया जाएगा।वहां टीबी मरीजों की चिकित्सा कराई जाती है। निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुब्रत राय चौधरी ने कहा कि निगम के मेडिकल ऑफिसर टीबी का इलाज करने में सक्षम है। हालांकि इस सबके बावजूद चेतला हाट में अभी टीवी का प्रकोप थमा नहीं है।
टीबी उन्मूलन को लेकर केंद्र सरकार की योजना
डब्ल्यूएचओ ने 1993 ईस्वी में टीवी को वैश्विक आपातकाल घोषित किया था और दुनिया के सभी देशों को तत्काल देखे जाने वाले शॉर्ट कोर्स DOTS अपनाने की सलाह दी थी। भारत में तत्काल इसका अनुसरण करते हुए पूरे देश भर में बीसीजी का टीकाकरण अभियान चलाया था।
वर्तमान में भारत सरकार द्वारा टीवी के उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना(NSP) 2017-25 चलाई जा रही है। इस योजना के तहत 2025 ईस्वी तक देश को टीबी मुक्त घोषित करना है। इसके अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्रों की भी भागीदारी ली जा रही है।निजी क्षेत्र के चिकित्सालयों को भी 250 रुपए से लेकर ₹6750 तक की अनुदान प्रत्येक टीबी के मरीज के विभिन्न स्तर के इलाज करने पर दिए जाएंगे ।वही टीबी का इलाज करा रहे मरीज को भी 6 महीने तक प्रतिमाह ₹500 पौष्टिक पदार्थ लेने के लिए दिए जाएंगे।