बीरेंद्र कुमार झा
सूरत की सेशंस कोर्ट ने मोदी सरनेम मानहानि मामले में आज गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत के फैसले के बाद अब राहुल गांधी के पास हाई कोर्ट जाने का विकल्प बचा हुआ है। वही खबर है कि राहुल गांधी कल शुक्रवार को हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करेंगे।गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 3 अप्रैल को निचली अदालत की ओर से दी गई सजा पर रोक लगाने की मांग को लेकर सूरत के सेशन कोर्ट में अपील दाखिल की थी।
खुद को कानून से ऊपर समझते हैं राहुल गांधी
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सूरत के सेशंस कोर्ट की ओर से खारिज की गई याचिका पर कहा है कि हमने हमेशा से कहा है कि राहुल गांधी खुद को कानून से ऊपर समझने लगे हैं। राहुल गांधी की पार्टी के कुछ लोगों ने तो यह भी पूछा कि उन्हें विशेष दर्जा क्यों नहीं मिल रहा है?
सांसद होना दोषसिद्धि को निलंबित करने का आधार नहीं
सूरत की सेशन कोर्ट की ओर से खारिज की गई राहुल गांधी की याचिका पर पूर्णेश मोदी के वकील हर्षित तोलिया ने कहा कि अदालत ने कहा है कि यह कोई और असाधारण मामला नहीं है। शिकायतकर्ता के पास पर्याप्त मामला बनता है ।केवल एक सांसद होना दोशसिद्धि को निलंबित करने का आधार नहीं है। यह भी न्यायाधीशों के द्वारा देखा जाता है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा करते हुए आरोपी के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों को भी ध्यान में रखा जाता है।
बरकरार रहेगी राहुल गांधी की सजा
मानहानि मामले में राहुल गांधी ने निचली अदालत के खिलाफ 3 अप्रैल को सत्र अदालत का रुख किया था।उनके वकीलों ने 2 आवेदन भी दाखिल किए थे जिनमें एक सजा पर रोक के लिए और दूसरा अपील के निस्तारण तक दोषी ठहराए जाने पर स्थगन के लिए था।बीते 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और 2 साल के कारावास की सजा सुनाई थी। सजा मिलने के एक दिन बाद राहुल को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था।
मोदी सरनेम विवाद मामले में सूरत की सेशन स्पोर्ट्स में राहुल गांधी के केस के खारिज होने के बाद राहुल गांधी को मिली सजा बरकरार रहेगी। सेशंस कोर्ट के जज जस्टिस रॉबिन मोगेरा ने आज गुरुवार को अपना फैसला सुनाया।उन्होंने राहुल गांधी को मिलने वाले 2 साल की सजा में कोई राहत नहीं दी है। अब राहुल गांधी को अपना पक्ष लेकर गुजरात हाईकोर्ट में जाना होगा।