हमारे देश की बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. खेल का मैदान हो या जंग का मैदान या फिर सरहद की सुरक्षा, हर मोर्चे पर देश की बेटियां हमारा सर ऊंचा कर रही हैं. इस दौरान वह कोई न कोई रिकॉर्ड भी बनाती जा रही हैं. ऐसी ही एक बेटी है, कैप्टन सुरभि जाखमोला, जिन्होंने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जिसे अब तक कोई भी भारतीय महिला हासिल नहीं कर पाई थी. भारतीय सेना की ऑफिसर कैप्टन सुरभि जाखमोला को बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानि बीआरओ के प्रोजेक्ट दंतक के तहत भूटान में तैनात किया है. बीआरओ के विदेशी असाइनमेंट पर तैनात होने वाली वो पहली महिला हैं.
बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने ट्वीट कर कैप्टन सुरभि जाखमोला की इस उपलब्धि की जानकारी दी है. साथ ही उनकी तस्वीर को भी शेयर किया है. बीआरओ भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों और मैत्रीपूर्ण पड़ोसी देशों में सड़क नेटवर्क को तैयार और उसका रखरखाव करता है. ये भारतीय सेना के साथ करीबी में रहते हुए सड़कों का निर्माण करता है. इसके लिए भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियर्स, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, मिलिट्री पुलिस के जवानों और अधिकारियों द्वारा काम किया जाता है.
कैप्टन सुरभि जाखमोला की इस शानदार उपलब्धि की जानकारी देते हुए बीआरओ ने ट्वीट किया कि, ‘117 इंजीनियर रेजिमेंट की भारतीय सेना अधिकारी कैप्टन सुरभि जाखमोला भूटान में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के प्रोजेक्ट दंतक में तैनात हैं. वह बीआरओ में विदेशी असाइनमेंट पर तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी हैं.’
एक अन्य ट्वीट में बीआरओ ने कहा, ‘बीआरओ उन्हें आगे के सफर के लिए शुभकामनाएं देता है. जय हिंद, जय बीआरओ.
In another first and a landmark initiative towards women empowerment, Captain Surbhi Jakhmola, an Indian Army officer from 117 Engineer Regiment stands posted to @BROindia Project Dantak in Bhutan. She is the first woman officer to be posted on foreign assignment in BRO.(1/2) pic.twitter.com/uIrtTMglmi
— 𝐁𝐨𝐫𝐝𝐞𝐫 𝐑𝐨𝐚𝐝𝐬 𝐎𝐫𝐠𝐚𝐧𝐢𝐬𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 (@BROindia) January 11, 2023
दंतक प्रोजेक्ट बीआरओ के सबसे पुराने प्रोजेक्ट में से एक है. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 24 अप्रैल, 1961 को हुई थी. दरअसल, ये प्रोजेक्ट भूटान के तीसरे राजा और भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की देन है. प्रोजेक्ट के तहत बेहतरीन सड़कों का निर्माण किया गया है.
पिछले कुछ सालों में प्रोजेक्ट के तहत 5000 मीटर लंबे पुल बनाए गए हैं. इसके अलावा, 1600 किलोमीटर का ब्लैकटॉप मार्ग और 120 किलोमीटर लंबा ट्रैक भी इसके तहत तैयार किया गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत सुदूरवर्ती क्षेत्रों में पहली बार मेडिकल और एजुकेशन जैसी बुनियादी चीजें पहुंच पाईं. अब कैप्टन सुरभि जाखमोला इससे जुड़ी है और उनके जरिए इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाएगा।