- बीरेंद्र कुमार झा
भारत के भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है।सर्वोच्च अदालत में माल्या की ओर से मुंबई के एक अदालत के उस फैसले के खिलाफ चुनौती याचिका दायर की थी, जिसमें उनकी संपत्ति को जप्त करने का आदेश दिया गया था सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या की चुनौती याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है।इसके साथ ही भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को आर्थिक अपराधी घोषित करने के साथ संपत्ति जप्त करने की बात कही है।
माल्या भगोड़ा घोषित
सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या की याचिका पर 7 दिसंबर 2018 को प्रवर्तन निदेशालय ( ED )को नोटिस जारी किया था और मुंबई में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) की विशेष अदालत के समक्ष जांच एजेंसी की याचिका पर कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। मुंबई की विशेष अदालत ने पीएमएलए अधिनियम के तहत 5 जनवरी 2019 को विजय माल्या को भगोड़ा घोषित किया था।
मार्च 2016 में विजय माल्या ने छोड़ा था देश
पीएमएलए अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक बार किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए जाने के बाद, अभियोजन एजेंसी के पास उसकी संपत्ति जप्त करने की शक्तियां होती है। विजय माल्या मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गया था। वह किंगफिशर एयरलाइंस को कई बैंकों की ओर से दिए गए 9000 करोड रुपए की अदायगी में चूक से जुड़े मामले में भारत में वंचित हैं।