न्यूज डेस्क
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) के दूसरे संस्करण का सफल प्रक्षेपण किया है। इसरो ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि एलवी डी2 ने तीनों उपग्रहों को उनकी लक्षित कक्षा में स्थापित किया है। एसएसएलवी की पहली परीक्षण उड़ान 9 अगस्त को आंशिक रूप से विफल रही थी क्योंकि रॉकेट अपने उपग्रह पेलोड को उनकी लक्षित कक्षाओं में स्थापित करने में विफल रहा था। इसमें अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट EOS-07 का वजन 156.3 किलोग्राम का है। भारतीय स्पेस कंपनी स्पेसकिड्स का AzaadiSAT-2 का वजन करीब 8.7 किलोग्राम का है जिसे देश के ग्रामीण इलाकों से आने वाली 750 लड़कियों ने वैज्ञानिकों की मदद से तैयार किया है।
#WATCH | Andhra Pradesh: ISRO launches Small Satellite Launch Vehicle-SSLV-D2- from Satish Dhawan Space Centre at Sriharikota to put three satellites EOS-07, Janus-1 & AzaadiSAT-2 satellites into a 450 km circular orbit pic.twitter.com/kab5kequYF
— ANI (@ANI) February 10, 2023
क्यों खास है SSLV
SSLV-D2 ने आज सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से तीन उपग्रहों के साथ उड़ान भरी, जिसमें भारत भर से 750 छात्राओं द्वारा विकसित एक उपग्रह भी शामिल है। अंतरिक्ष एजेंसी ने सफल प्रक्षेपण की घोषणा करते हुए अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया,मिशन सफलतापूर्वक पूरा हुआ। एसएसएलवी-डी2 ने ईओएस-07, जानूस-1 और आजादीसैट-2 को उनकी लक्षित कक्षाओं में स्थापित किया।
इसरो के अनुसार, एसएसएलवी ‘लॉन्च-ऑन-डिमांड’ के आधार पर पृथ्वी की निचली कक्षाओं में 500 किलोग्राम तक के उपग्रहों के प्रक्षेपण को पूरा करेगा। रॉकेट अंतरिक्ष के लिए कम लागत वाली पहुंच प्रदान करेगा, कम टर्न-अराउंड टाइम और कई उपग्रहों को समायोजित करने में सफलता और न्यूनतम लॉन्च इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग को पूरा करना इसकी प्राथमिकता में शामिल है। एसएसएलवी 34 मीटर लंबा, 2 मीटर व्यास वाला उपग्रह है, जिसका वजन 120 टन है। रॉकेट को तीन सॉलिड प्रणोदन चरणों और एक वेग टर्मिनल मॉड्यूल के साथ कॉन्फ़िगर किया गया है।