मैनपुरी (बीरेंद्र कुमार):मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में मतदाताओं ने खुलकर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार और दिवंगत मुलायम सिंह यादव की बहू डिंपल यादव के पक्ष में मतदान कर उनके जीत का मार्ग तो 5 दिसंबर को ही प्रशस्त कर दिया था। अब जब वहां का चुनाव परिणाम आया तो उसमें डिंपल यादव ने धमाकेदार जीत हासिल की। डिंपल यादव ने मैनपुरी के इस लोकसभा उपचुनाव में अपने प्रतिद्वंदी बीजेपी के उम्मीदवार रघुराज शाक्य को 2.8 लाख मतों के अंतर से हरा दिया। डिंपल यादव की जीत की पटकथा लिखने में शिवपाल यादव ने एक बड़ी भूमिका निभाई थी मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद जिस तरह सफाई कुनबा एक हुआ और गिले-शिकवे दूर कर उपचुनाव में एक साथ खड़े होने का फैसला लिया उसका सबसे बड़ा लाभ डिंपल यादव को इस चुनाव में जीत के रूप में मिला।
परिवार की एकजुटता का डिंपल को मिला लाभ
मुलायम सिंह परिवार के सदस्यों के एकजुट होने से इस चुनाव में मतदाताओं के बीच या स्पष्ट संदेश गया कि अब किसी तरह का कोई मतभेद और मनभेद उनके बीच नहीं है। सपा और बसपा कार्यकर्ता डिंपल यादव की जीत को सुनिश्चित करने के लिए टूट गए। शिवपाल यादव ने डिंपल यादव के लिए न सिर्फ वोट मांगे बल्कि रघुराज शाक्य पर जमकर हमला भी बोला। रघुराज शाक्य को शिवपाल यादव का शिष्य कहा जाता है और अपने हमले में शिवपाल यादव ने रघुराज को अवसरवादी करार दिया जिससे मतदाताओं का एक वोट बैंक जो रघुराज शाक्य की तरफ जा सकता था वह उसकी तरफ 9 जाकर डिंपल यादव की तरफ मुड़ गया। इसके अलावा शिवपाल यादव ने दिवंगत मुलायम सिंह की आत्मा आत्मा के चुनाव क्षेत्र में मौजूद रहने की बात कह कर भी लोगों के मन में डिंपल के लिए सहानुभूति वोट की गुंजाइश पैदा कर दी थी।
इस चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी जिस प्रकार से चाचा और प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव का आशीर्वाद लिया वह भी डिंपल यादव की जीत में मील का पत्थर साबित हुआ। खासकर जिस तरह से अखिलेश यादव ने भरी सभा में मंच पर शिवपाल यादव के पैर छुए उससे न सिर्फ शिवपाल यादव डिंपल यादव के पक्ष में जमकर प्रचार करने के लिए प्रेरित हुए बल्कि जनता में भी सैफई परिवार के प्रति प्यार उमड़ा और इन सभी का प्रत्यक्ष प्रमाण यह हुआ कि डिंपल यादव ने मैनपुरी लोकसभा के उपचुनाव को भारी मतों के अंतर से जीत लिया।
प्रसपा का सपा में विलय
मैनपुरी लोकसभा सीट जहां हुए उपचुनाव में सपा उम्मीदवार और मुलायम सिंह परिवार की बहु डिंपल यादव ने धमाकेदार जीत हासिल किया है, उसपर लंबे समय से मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार का ही कब्जा रहा है। ऐसे में डिंपल यादव की इस जीत से इस क्षेत्र के लोगों का कितना भला होगा, यह तो डिंपल यादव के द्वारा भविष्य में किए गए कार्यों पर ही निर्भर करेगा। लेकिन इस जीत का बड़ा लाभ मुलायम सिंह यादव परिवार को चुनाव के साथ ही मिलना शुरू हो गया है।
इस लाभ का संकेत तभी मिल गया था, जब डिंपल यादव के सपा प्रत्याशी के रूप में यहां से नामांकन भरने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने रूठे चाचा और प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव को अपने पक्ष में मिलाकर अपने बिखर रहे परिवार को एकजुट करने में सफलता प्राप्त की थी।और ऐसा सबकुछ डिंपल के इस परिवार के बहु होने के कारण संभव हुआ।
इस चुनाव के बहाने एकजुट हुए इस परिवार की एकजुटता पर अब पक्का मुहर तब लग गया जब डिंपल यादव के मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में जीत के तुरत बाद सपा और और प्रसपा दोनों पार्टियों का आपस में विलय हो गया। अब यह दोनों पार्टियां मिलकर आगे सिर्फ सपा के रूप में जानी जाएगी। सपा और प्रसपा के इस विलय का लाभ मुलायम सिंह परिवार को आगे के चुनाव में मिलेगा। इससे इनकी राजनीतिक ताकत बढ़ेगी जो परिवार के अलग-अलग होने से बंट गई थी और एक दूसरे को नुकसान पहुंचा रही थी।