न्यूज़ डेस्क
अंतर्राष्ट्रीय पहलवान साक्षी मलिक ने खेल की दुनिया को जैसे ही बाय -बाय किया खेल जगत में हड़कंप सा मच गया। खेल जगत में इसको लेकर भारी प्रतिक्रियाएँ चल रही है। कांग्रेस ने तो इसे काला दिन बताया है और सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
बता दें कि महिला शोषण के खिलाफ आवाज उठाने वाली पहलवान साक्षी मलिक ने गुरुवार को यह कहते हुए खेल से सन्यास लेने की घोषणा कि जब महिलाओं को कोई न्याय ही नहीं मिल सकता तो फिर खेल का क्या मतलब है ?
कांग्रेस महासचिव रणवीर सिंह सुरजेवाला तथा बॉक्सिंग में ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर सिंह ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पहलवान बेटियों के यौन शोषण के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के निकट सहयोगी संजय सिंह के ओलंपिक संघ का चुनाव जीतने के बाद ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली महिला पहलवान साक्षी मलिक का संन्यास लेना भारत के खेल इतिहास में एक काला अध्याय है।
उन्होंने कहा कि किसान की पहलवान बेटी की आंख से निकल रहा हर आंसू मोदी सरकार की बेटियों के अपमान का प्रमाण है। ‘बेटी रुलाओ, बेटी सताओ और बेटियों को घर बिठाओ’ भाजपा का नारा बन गया है। यह देश का दुर्भाग्य है कि हरियाणा के साधारण किसान परिवार की जिस बेटी ने पहला ओलंपिक पदक जीता उसे मोदी सरकार के ‘दबदबे’ ने घर बैठने पर मजबूर कर दिया है। पहलवान बेटियां न्याय के लिए जंतर-मंतर पर बैठी रहीं लेकिन भाजपा सरकार ने उन्हें दिल्ली पुलिस से कुचलवा रही है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि जो महिला पहलवान यौन शोषण की शिकार हुई है उन्होंने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही देश के गृह मंत्री और रेल मंत्री से भी गुहार लगाई थी। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद प्राथमिकी दर्ज हुई लेकिन भाजपा सांसद की गिरफ्तारी नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि आज देश की ये पीड़ित बेटियां मोदी सरकार से सवाल कर रही है कि वह उनके साथ हुए अन्याय को लेकर चुप क्यों है। देश की संसद, देश की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के सभापति तथा खेल जगत की हस्तियां चुप क्यों हैं।