Homeदेशसंसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र बुलाने से विपक्ष हैरान- परेशान

संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र बुलाने से विपक्ष हैरान- परेशान

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बीरेंद्र कुमार झा

विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की तीसरी बड़ी बैठक मुंबई में शुरू होने से पहले 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की केन्द्र सरकार के आश्चर्यजनक फैसले ने विपक्षी नेताओं को हैरान कर दिया है।सरकार के इस कदम से वन नेशनल वन इलेक्शन की अटकलें लगनी शुरू हो गई हैl विपक्षी दलों के कुछ नेताओं को लग रहा है कि केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी अगले साल अप्रैल- मई में होने वाले लोकसभा चुनाव को आगे बढ़ा सकती है और अपने पुराने एजेंडा वन नेशन – वन इलेक्शन का ऐलान सबको आश्चर्यचकित कर सकती है।

हार की डर से कुछ भी कर सकती है केंद्र सरकार

इस कड़ी में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम थोड़ी घबराहट दर्शाता है। राहुल गांधी पहले से कहते रहे हैं कि सरकार डरी हुई है। ऐसे में वह हार की डर से कोई भी कदम उठा सकती है। दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश समेत कुछ अन्य कांग्रेसी नेताओं ने विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक और अडानी समूह पर ताजा खुलासों से ध्यान हटाने के लिए इसे मोदी स्टाइल में समाचार चक्र का प्रबंध करार दिया है।

बढ़ा दी विपक्षी दलों की माथापच्ची

मोदी सरकार की रणनीति चाहे जो भी रही हो लेकिन विपक्षी गठबंधन की बैठक से ठीक पहले संसद के विशेष सत्र की घोषणा पर मुंबई में विपक्षी नेताओं ने माथापच्ची तेज कर दी है।इंडिया गठबंधन के अधिकांश नेताओं ने विपक्षी दलों की एकता और कुनबा बढ़ाने पर जोर दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि बीजेपी लोकसभा चुनाव पहले करवा सकती है, ने कहा है कि विपक्षी दलों को अपने प्रयास और तेज करने चाहिए।

सूत्रों ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि मोदी सरकार का यह ऐलान आश्चर्य करने वाला है, क्योंकि संसद के विशेष सत्र के दौरान ही महाराष्ट्र में गणेश उत्सव होता है, उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के पास कुछ ना कुछ प्लानिंग है। दूसरी तरफ आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि विपक्षी दलों को सीट बंटवारे पर बातचीत तेज करनी चाहिए और 30 सितंबर तक संयुक्त उम्मीदवार व्यवस्था की घोषणा करने का प्रयास करना चाहिए। इस बीच पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा गठबंधन में शामिल पार्टियों को उन प्रमुख बिंदुओं की पहचान करनी चाहिए जिन्हें संयुक्त घोषणा पत्र का हिस्सा बनाया जाना है और महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर पर इसकी घोषणा कर देनी चाहिए।

चुनावी समीकरण पक्ष में करने वाले विधेयक लाएगी केंद्र सरकार

संसद का विशेष सत्र बुलाने पर विपक्षी खेमे में समान नागरिक संहिता और संसद और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण देने का विवादास्पद विधेयक लाने की भी चर्चा हो रही है। एक अन्य नेता ने कहा कि सरकार वास्तव में समय से पहले चुनाव कराने पर विचार कर रही है,जबकि कई लोग कयास लगा रहे हैं कि सरकार कुछ उच्च प्रभाव वाले कानून लाने की योजना बना रही है। बहरहाल मोदी सरकार की नई घोषणा ने विपक्षी दलों के बीच तुरंत सीट बंटवारे से लेकर चुनावी मुद्दे और संयुक्त घोषणा पत्र की तत्कालिकता की भावना जगा दी है।

 

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