न्यूज़ डेस्क
इंडिया गठबंधन में सीटों को लेकर तैयारी तो शुरू हो गई है लेकिन जिस तरह की बातें बिहार और यूपी से सामने आ रही है उससे साफ़ है कि इन दोनों राज्यों में कांग्रेस की मुश्किलें ाब्ध सकती है। बिहार और यूपी में कांग्रेस को कम से कम सीटें देने की खबरे आ रही है।
राजद ने जहाँ बिहार में कांग्रेस को सिर्फ चार सीटें देने की बात कही है वही यूपी में सपा कांग्रेस को सिर्फ आठ सीटें देने की बात कही है। अगर दोनों राज्यों में कांग्रेस को सिर्फ 12 सीटें ही मिलती है तो कांग्रेस की आगामी राजनीति पर असर पडेगा। लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि क्या कांग्रेस इन सीटों पर संतोष कर पाएगी ?
जानकारी के मुताबिक बिहार में आरजेडी ने कांग्रेस से कहा है कि वे सहयोगी दलों को केवल 6 सीटें दे सकते हैं। आरजेडी और जेडीयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। आरजेडी का कहना है कि वह सीपीआई एमएल और सीपीआई के लिए 2 और कांग्रेस के लिए 4 सीटें छोड़ सकती है।
वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से कहा है कि वे उन्हें केवल 8 सीटें दे सकती है। इन आठ सीटों में बनारस, लखनऊ जैसी सीटें शामिल हैं, जहां एसपी की मौजूदगी ज्यादा नहीं है। इन सबसे अलग कांग्रेस दोनों राज्यों में सहयोगियों से अधिक सीटों की उम्मीद कर रही है और बातचीत के लिए और अधिक प्रयास कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक बिहार में कांग्रेस आठ सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है जबकि यूपी में करीब दो दर्जन सीट की मांग कांग्रेस कर रही है।
कांग्रेस की परेशानी सिर्फ इन दोनों राज्यों तक ही नहीं है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 42 में से करीब 2 सीट ही ऑफर कर सकती है। हालांकि कांग्रेस की नजर गठबंधन की स्थिति में 6-8 सीटों पर है। सूत्रों के मुताबिक, तृणमूल ने अपने प्रस्ताव के बारे में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को बता दिया है।
बता दें कि आम आदमी पार्टी भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन पंजाब में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और आप में तकरार चल रही है। आम आदमी पार्टी यहां लोकसभा की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। वह कांग्रेस को एक भी सीट देने के मूड में नहीं है। इसे लेकर दोनों दलों के नेताओं की ओर से कई बार बयानबाजी की जा चुकी है।
हालांकि पंजाब और दिल्ली में कांग्रेस जयदा से ज्याद सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार है। पंजाब में अभी कांग्रेस के साथ सांसद हैं। ऐसे में बातचीत सही तरीके से होती है तो सीटों का बंटवारा कांग्रेस और आप के बीच हो सकता है लेकिन आप अभी नहीं चाहती कि कांग्रेस को कोई सीट दे। जानकार कह रहे हैं कि अगर गठबंधन के भीतर यही हाल रहा तो गठबंधन का आगे बढ़ना कठिन हो सकता है।