अखिलेश अखिल
कर्नाटक का अंतिम परिणाम क्या होगा यह तो आगामी 13 मई को ही पता चलेगा लेकिन चुनाव में जिस तरह के रेस्पोंस कांग्रेस को मिलते दिख रहे हैं उससे पार्टी के लोग गदगद हैं। राहुल गांधी और प्रियंका काफी समय से कर्नाटक के बीच खड़े हैं और बीजेपी पर हमलावर भी। लेकिन अब चुनाव के अंतिम समय में सोनिया गांधी को भी चुनावी मैदान में प्रचार के लिए खड़ा किया जा रहा है। यह एक अद्भुत नजारा होगा जब गाँधी परिवार का तीनो सदस्य मैदान में होंगे और बीजेपी पर वार करते दिखेंगे। बता दें कि अभी तक गाँधी परिवार के ये तीनों सदस्य केवल अमेठी और रायबरेली में ही प्रचार करते रहे हैं। कर्नाटक में यह पहला मामला देखने को मिल सकता है। सोनिया गाँधी की पहली सभा हुबली में होनी है। यह इलाका लिंगायत समाज का है और यहां से जगदीश शेट्टार मैदान में हैं। शेट्टार अभी हाल में ही बीजेपी से निकलकर कांग्रेस के साथ जुड़े हैं।
सोनिया गांधी इस समय रायबरेली से लोकसभा सांसद हैं, जबकि राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी से हार गए थे। इस सीट का उन्होंने 2004 से लगातार प्रतिनिधित्व किया था। यह पहली बार है कि गांधी परिवार के तीनों सदस्य दक्षिणी राज्य में प्रचार कर रहे हैं। कर्नाटक ने अतीत में कांग्रेस की सत्ता में वापसी का मार्ग प्रशस्त किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, जो 1977 के आम चुनाव में उत्तर प्रदेश की रायबरेली संसदीय सीट से हार गई थीं, लेकिन एक साल बाद 1978 के उपचुनाव में चिकमंगलूर संसदीय सीट से जीतीं। इसी तरह कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कर्नाटक से किस्मत आजमाई थी। 1998 में पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए राजनीति में प्रवेश करने के बाद सोनिया ने 1999 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक के बेल्लारी और उत्तर प्रदेश के अमेठी से चुनाव लड़ा और दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी।
उन्होंने बेल्लारी में भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज को हराया था। हालांकि, दोनों सीटों से जीतने के बाद उन्होंने लोकसभा में अमेठी का प्रतिनिधित्व करना चुना। कांग्रेस, जो हाल के वर्षो में उत्तर भारत के कई राज्यों में चुनाव हार चुकी है, कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वापसी की कोशिश कर रही है। पार्टी ने राहुल गांधी, प्रियंका और पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा आक्रामक प्रचार की योजना बनाई है, खड़गे कर्नाटक से ही ताल्लुक रखते हैं।
इस साल के अंत में राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कर्नाटक में पुरानी पार्टी की सत्ता में वापसी से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल काफी बढ़ेगा।
कर्नाटक में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने के लिए राहुल गांधी ने अब तक राज्य में 17 जनसभाओं और रोड शो को संबोधित किया है, जबकि उनकी बहन प्रियंका ने 19 जनसभाओं और रोड शो को संबोधित किया है। खड़गे भी कर्नाटक में डेरा डाले हुए हैं और उन्होंने वहां कई जनसभाएं की हैं। अहम विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य के कांग्रेस प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला भी पिछले ढाई महीने से वहीं डेरा डाले हुए हैं।
पिछले साल सोनिया गांधी कर्नाटक के मांड्या में पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुई थीं और राहुल गांधी के साथ कुछ दूर तक चली थीं। सोनिया गांधी, जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रही हैं, चुनाव प्रचार से दूर रहीं। उन्होंने अब से पहले 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान रायबरेली में एक जनसभा को संबोधित किया था और फिर दिसंबर 2019 में दिल्ली के रामलीला मैदान में एक जनसभा में शामिल हुई थीं।
224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए मतदान 10 मई को होना है और वोटों की गिनती 13 मई को होगी। सत्तारूढ़ भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ राज्य में आक्रामक प्रचार कर रही है।
राहुल और प्रियंका के बाद अब सोनिया गांधी भी करेंगी प्रचार ,हुबली में सोनिया के मंच की तैयारी
Published on


- Advertisement -