न्यूज़ डेस्क
तमिलनाडु के खेल विकास और युवा मामलों के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने दावा किया है कि पिछड़े वर्ग से आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति के कारण शंकराचार्य अयोध्या में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में शामिल नहीं हुए थे।
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के पुत्र उदयनिधि स्टालिन रविवार को पूर्वी चेन्नई डीएमके जिला इकाई द्वारा आयोजित पार्टी बूथ एजेंटों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि उन्होंने सनातन धर्म में असमानताओं के बारे में बात की थी और संतों का यह कृत्य उसी का प्रमाण है।
उन्होंने सनातन धर्म पर अपने भाषण को याद करते हुए कहा, ”मैंने यह चार महीने पहले कहा था। मैंने आपके लिए बात की। मैंने कहा कि सभी समान हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि वह सनातन धर्म पर अपनी टिप्पणी के लिए माफी नहीं मांगेंगे।उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा सरकार ने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं किया, क्योंकि वह एक विधवा हैं और आदिवासी समुदाय से हैं। तमिलनाडु के मंत्री ने दोहराया कि द्रमुक किसी भी धर्म या राम मंदिर के निर्माण के खिलाफ नहीं है।तमिलनाडु के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती मंत्री पी.के. शेखरबाबू भी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि सितंबर 2023 में एक प्रगतिशील लेखक मंच को संबोधित करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के उन्मूलन का आह्वान किया था। उन्होंने तब कहा था कि सनातन धर्म कोरोनोवायरस, मलेरिया और डेंगू की तरह है और समानता और सामाजिक न्याय के विकास के लिए इसे खत्म करना होगा।इससे विवाद खड़ा हो गया और इस युवा नेता के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए।