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काशी में हर हर महादेव और जय श्रीराम  के नारे , भ्रमित जनता किसे गला लगाए !

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अखिलेश अखिल 
बल शक्ति और पराक्रम दिखाने और भयमुक्त होने के लिए अक्सर देवी देवता का आह्वान किया जाता है ,नारे लगाए जाते हैं। अनादिकाल से यही सब होता आया है। जो  वही हमारी परंपरा है। वही आस्था है। और आस्था को कोई कैसे चुनौती देगा ? लेकिन सवाल है कि भारत जैसे देश में जहां की 85 फीसदी आबादी सनातनी है ,हिन्दू कहलाते हैं और ईश्वर की पूजा करते हैं उस देश को आखिर किस्से भय है कि हिन्दू राष्ट्र की मांग की जाती रही है ? कोई मंदबुद्धि व्यक्ति ही इस बात को नहीं समझ सकता ! जो अंधभक्त भी होगा तो उसके जेहन में यह बात जरूर होगी कि जब भारत  का अस्तित्व हजारों वर्षों से हैं और कभी यह देश हिन्दू और मुसलम देश नहीं कहलाया तो फिर आज यह देश ऐसा कहलाने को क्यों बेचैन है ?     
 जाति से बड़ा धर्म होता है और धर्म के सामने कोई टिकता नहीं। लोग जाति तो बदल देते हैं  लेकीन धार्मिक  आस्था नहीं बदलते। जो बदलते हैं वे भले ही महान कहलाये लेकिन समाज में फिर एक नया खेल भी शरू होता है। और यह सब नए जमाने का नया खेल है। धर्म आस्था पर टिका होता है और आस्था पर सवाल कैसा ?और फिर वही आस्था जब राजनीति से जुड़ जाए तब क्या होता है उसकी बानगी आजदिखती भी है।  
    काशी को कौन नहीं जानता ! वही काशी जो महादेव के त्रिशूल पर बसा है। स्वयं महादेव भी उसी काश में वास करते हैं। काशी बाबा विश्वनाथ की नगरी है। देवो के देव महादेव। वे सबके देव हैं प्रभु राम के भी पूजनीय हैं। प्रभु राम उनके ध्यान में रत रहते हैं और महादेव प्रभु राम के ध्यान में मस्त रहते हैं। यह अनोखा प्रेम कही और कहाँ दिख सकता है। यही महानता की पराकाष्ठा है।    
  काशी में पहले जय श्रीराम के नारे लगते थे। इस नारे के जरिये बीजेपी एक नादेश भी देती है। हिंदुत्व का। और फिर आक्रामकता का भी। लेकिन प्रभु राम तो शौम्य थे ,मृदुल थे ,शांति के प्रेमी थे। ,सबके थे ,अनाथो के नाथ थे। प्रेण के प्रतीक  थे और त्याग की मूर्ति थे ,विनम्रता ऐसी जिसकी मिशाल कही नहीं दिखती। उस प्रभु राम के जरिए मौजूदा राजनीति को साधने का जो खेल चल रहा है उसे आप क्या कहेंगे ? लेकिन काशी में जो नया नारा हर -हर महादेव का गूंज रहा है वह भी कोई कमजोर नहीं। बीजेपी ने जय श्रीराम के नारे की राजनीति कर रही है और कांग्रेस हर हर महादेव का जाप कर रही है। कहा जा रहा है कि सेक्युलर कांग्रेस अब सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ  बढ़ रही है और हर हर महादेव के जरिए बीजेपी को जवाब देने को तैयार है।                      
कांग्रेस के हिंदुत्व के राह पर चलने पर अब सियासत भी शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि बीजेपी के जय श्री राम के जवाब में कांग्रेस हरहर महादेव के सहारे 2024 में देश की सत्ता का रास्ता तय करने का एक प्रयास है। उधर यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने जय श्री राम को लेकर बीजेपी और आरएसएस पर करारा प्रहार कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पिछले दिन कांग्रेस के अध्यक्ष बने और पदभार ग्रहण किया। वे काशी के ही रहने वाले हैं। राय जैसे ही मंच पर पहुंचे वैसे ही हर हर महादेव के उद्घोष से पूरा कांग्रेस दफ्तर गूंज उठा। इतना ही नहीं इस दौरान पूरे कांग्रेस दफ्तर की तस्वीर बदली बदली दिखी, एक ओर जहां नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पूरे जोश में थे वही अजय राय को देखकर कार्यकर्त्ताओं और नेताओं का जोश भी हाई हो गया था।                    अजय राय ने कहा कि हर हर महादेव हमारा गढ़ा हुआ नहीं है। यह आदि अनादि काल से बोला जा रहा है। बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि 2014 के चुनाव में बीजेपी के लोगों ने हर हर महादेव को भी बदल दिया था। चुनाव के समय बीजेपी के लोग हर हर महादेव के बदले में हर हर में किसी और का नाम लगते थे। यह लोग कुछ भी कर सकते है।
               अजय राय ने कहा कि मैं महादेव का भक्त हूँ। बाबा विश्वनाथ की हम सबपर कृपा है उन्ही के आशीर्वाद से हम लोग आगे बढ़ रहे हैं। वहीं हर हर महादेव के नारे लगने पर अजय राय ने कहा कि यह किसी तरह का जवाब नहीं है यह हमारी आस्था का केंद्र है। हम काशी से आते है इसलिए काशी के लोगों में हर हर महादेव होगा। बाबा विश्वनाथ की पूजा होगी, मां गंगा की आराधना होगी। उन्होंने कहा कि काशी कबीरदास जी और संत रविदास का स्थान है। काशी गौतम बुद्ध की उपदेश स्थली है। उसी काशी में हमारे बिस्मिल्लाह खां साहब का स्थान है। हम सबको लेकर चलते है। हर हर महादेव हमारी आस्था का केंद्र है हर हर महादेव आदि अनादि काल से होता रहा है। 
              आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले अजय राय बीजेपी को नजदीक से जानते है और लंबे समय तक हिंदुत्व की पॉलिटिक्स को किया है। अब उसी राह पर चलकर देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल तैयार करेंगे। यूपी कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय राय 2014 और 2019 में वाराणसी सीट से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके है। क्या फिर से उनके खिलाफ चुनाव लड़ेंगे इस सवाल के जवाब में नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि जब मैं कुछ नहीं था तब लड़ा था। अब प्रदेश अध्यक्ष बना दिया पार्टी ने तो अब ताल ठोक कर डंके की चोट पर खड़ा हूं। जहां पार्टी कहेगी वहां मैं खड़ा रहूंगा। उससे पीछे हटने वाला नहीं हूं। इसके साथ ही अजय राय ने कहा कि सबका साथ और सबका सहयोग है।
     लेकिन मजे की बात है कि राजनीति ने भगवान् राम और महादेव को भी राजनीति में खींच लाया है। जो सबके  स्वामी हैं मानव समाज के इस खेल को देख रहे हैं। यह मानव समाज की चालाकी भर है और चालाकी ईश्वर को नहीं सुहाती। 

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