न्यूज़ डेस्क
लोकतंत्र के नाम पर देश में करोड़पतियों और दागियों के पौ बारह होते दिख रहे हैं। चुनाव आयोग बार -बार यह जरूर कहता है कि राजनीतिक पार्टियां दागी उम्मीदवारों को मैदान में उतारने से परहेज करे लेकिन कोई भी पार्टी ऐसा करती नहीं दिख रही है। सच तो यही है कि अगर दागी उम्मीदवार जिताऊ है तो उसे हर पार्टी अपने साथी लाने को तैयार है और उसकी आरती भी उतारी जाती है।
संसदीय राजनीति का दूसरा सच यह भी है कि यहाँ अब कोई विचार और विचारधारा की लड़ाई नहीं होती। लड़ाई जितने की होती है। संख्या बल बढ़ाने की होती है और फिर चाहे जैसे भी हो सरकार बनाने की होती है। इस खेल में किसके दाग कितने गहरे हैं इसका कोई हिसाब नहीं होता।
अब तक लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया के चार चरण पूरे हो चुके हैं। बाकी तीन चरणों के लिए मतदान 20 मई से 1 जून के बीच कराए जाएंगे। छठे दौर के नामांकन की सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। इस बीच, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने छठे चरण में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। इस चरण में कुल 869 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनमें से 866 के शपथपत्रों का विश्लेषण किया गया है .एडीआर ने गुरुवार को जारी किए एक विश्लेषण में बताया है कि छठे चरण में 866 उम्मीदवारों से 180 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं 338 उम्मीदवार करोड़पति हैं। आइये जानते हैं कि एडीआर की रिपोर्ट में क्या-क्या है?
866 में से 180 (21 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 141 (16 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 12 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर दोषसिद्ध मामले घोषित किए हैं। छह उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या (आईपीसी-302) से जबकि 21 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या के प्रयास (आईपीसी-307) से जुड़े मामले घोषित किए हैं। महिलाओं के ऊपर अत्याचार से जुड़े मामले घोषित करने वाले उम्मीदवार 24 हैं। इन 24 में से तीन उम्मीदवारों के ऊपर दुष्कर्म (आईपीसी-376) से जुड़ा मामला दर्ज है। इसके अलावा, भड़काऊ भाषण से जुड़े मामले घोषित करने वाले कुल 16 उम्मीदवार हैं।
छठे चरण में आप के सभी पांच और राजद के सभी चार उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। वहीं, सपा के 12 में से नौ, भाजपा के 51 में से 28, कांग्रेस के 25 में से आठ, टीएमसी के नौ में से चार और बीजद के छह में से दो उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पार्टी उम्मीदवार गंभीर आपराधिक मामले वाले उम्मीदवार
भाजपा 51 18
कांग्रेस 25 6
सपा 12 9
टीएमसी 9 3
बीजद 6 2
आप 5 4
राजद 4 4
866 में से 39 प्रतिशत यानी 338 उम्मीदवार करोड़पति हैं। सबसे ज्यादा भाजपा के 48 उम्मीदवार करोड़पति हैं। दूसरे स्थान पर कांग्रेस है जिसके 20 उम्मीदवार करोड़पति हैं। चुनावी हलफनामों में इन प्रत्याशियों ने एक करोड़ से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है। लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण में हर उम्मीदवार के पास औसतन 6.21 करोड़ की संपत्ति है। दलवार आंकड़ों पर गौर करें तो बीजद के छह उम्मीदवारों की सबसे ज्यादा औसतन संपत्ति 95.69 करोड़ की संपत्ति है।
संपत्ति (रुपये में) उम्मीदवार
5 करोड़ और उससे अधिक 120
2 करोड़ से 5 करोड़ 114
50 लाख से 2 करोड़ 191
10 लाख से 50 लाख 220
10 लाख से कम 221
छठे चरण में सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने वाले उम्मीदवार नवीन जिंदल हैं। हरियाणा के कुरूक्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी जिंदल ने कुल 1241 करोड़ की संपत्ति घोषित की है। इस मामले में दूसरे स्थान पर बीजद के संत्रप्त मिश्र हैं। ओडिशा की कटक सीट से चुनाव लड़ रहे संत्रप्त ने अपने हलफनामे में 482 करोड़ की दौलत बताई है। तीसरे सबसे धनी प्रत्याशी आप के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता हैं। हरियाणा की कुरूक्षेत्र सीट से चुनाव लड़ रहे सुशील की संपत्ति 169 करोड़ की है।
तमाम उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता की बात करें तो 332 (38 प्रतिशत) उम्मीदवार 5वीं और 12वीं के बीच पढ़ाई किए हुए हैं। 487 (56 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक और इससे ज्यादा बताई है। 22 उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं। 12 उम्मीदवार साक्षर जबकि 13 उम्मीदवार असाक्षर भी हैं।