न्यूज़ डेस्क
मणिपुर के हालात फिर से बिगड़ गए हैं। कुछ दिनों के लिए माहौल शांत था लेकिन मंगलवार को जैसे ही दो छात्र समूहों के बीच हिंसक झड़पे हुए माहौल गरम हो गया है। पांच दिनों के लिए जहाँ मोबाइल सेवाएं बंद कर दी है वही वही दो महीने के लिए जिले में सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उधर, हिंसक झड़प में कई नागरिक घायल हो गए। वहीं सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। जो कि राज्य में चल रहे संघर्ष के 87 आदिवासी पीड़ितों को चुराचांदपुर शहर में बुधवार को सामूहिक दफन से पहले लगाया गया।
जिला मजिस्ट्रेट धारुन कुमार एस ने एक आदेश जारी कर कहा कि दो समूहों के बीच हो रहे टकराव की वजह से अभी भी शांति भंग होने की आशंका, हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं। इस आदेश के बाद राज्य में सोमवार से धारा 144 लागू कर दी गई है, जो 18 फरवरी 2024 तक लागू रहेगी। इसके तहत एक जगह पर पांच या उससे ज्यादा लोगों के एक साथ खड़े रहने या एकत्रित होने पर मनाही है साथ ही हथियार रखने की भी मनाही है।
जिला मजिस्ट्रेट कहना है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने हिंसा से प्रभावित इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए हर तरह से प्रयास किए हैं। गौरतलब है कि मणिपुर के कई हिस्सों में इस साल मई के बाद से जातीय संघर्ष चल रहा है। चुराचांदपुर जिले में बीते सोमवार को हिंसा की घटनाएं सामने आईं, खासतौर पर थिंगकांगफई गांव में कई जगहों पर हिंसा हुई। हालांकि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।