बीरेंद्र कुमार झा
गाजा पट्टी में इन दोनों जिंदगी बद से बदतर होती चली जा रही है। लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। एक तरफ इसराइल लगातार बम बरसा रहा है तो दूसरी तरफ नाकेबंदी के कारण फिलिस्तीनियों को बिजली पानी और अन्य सुविधाओं की कमी से जूझना पड़ रहा है।इस वजह से लोग यहां से पलायन करने को मजबूर हो गए है।
पेयजल सफाई ,बिजली और स्वास्थ्य व्यवस्था तक का उत्पन्न हो रहा संकट
पानी, सफाई और स्वच्छता सुविधाओं का नुकसान होने के कारण गाजा में चार लाख से ज्यादा लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गाजा पावर प्लांट बिजली का एकमात्र स्रोत है और कुछ दिनों में इसका भी ईंधन खत्म हो सकता है। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय(OCHA ) के अनुसार हमलों के कारण गाजा से लाखों लोगों का विस्थापन हुआ है।
साथ ही ओसीएचए ने इजरायल के हवाई हमलों और गोलीबारी में घरों और अपार्टमेंटों और इमारतों को निशाना बनाया है, जिसमें गाजा के चार बड़े आवासीय टावर नष्ट हो चुके हैं। स्वास्थ्य सुविधाएं और एंबुलेंस भी क्षतिग्रस्त हुई है।
3 लाख छात्र प्रभावित
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने कहा कि गाजा पट्टी में यूएनआरडब्ल्यूए के सभी स्कूल बंद है। इससे 3 लाख से ज्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं। यूएनआरडब्ल्यू के गाजा में 13 हजार कर्मचारी हैं, इसमें से अधिकांश राष्ट्रीय कर्मचारी हैं।
1.68 करोड डॉलर की जरूरत
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस के प्रवक्ता वीएस दुजारी ने कहा कि डब्ल्यूओपी को अगले महीने 8 लाख 5 हजार लोगों तक पहुंचाने के लिए 1.68 करोड़ अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता है। प्रवक्ता ने चेतावनी दी कि निकट भविष्य में किसी समय इसके पास आपूर्ति खत्म हो सकती है अगर और ज्यादा लोग यहां आते हैं।
यूएन आश्रम में सुरक्षित हूं
27 वर्षीय सबरीन अवतार ने बताया कि शनिवार को जब मैं इसराइली सीमा के ठीक उत्तर बेट लोहिया में अपने खेत में थी तो अचानक रॉकेट की आवाज सुनाई दी। मैं डर गई। इसके बाद मुझे आभास हो गया कि इजरायल कुछ बड़ा करने वाला है। इसके बाद में अपने दोनों बच्चों के साथ सीधे संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित आश्रयों में से एक में पहुंच गई।अब मैं यहां अपने बच्चों के साथ सुरक्षित महसूस कर रही हूं।