न्यूज़ डेस्क
आज साल 2024 -25 क बजट वित्त मंत्री सीतररामान पेश क्र रही है। मोदी सर्कार के तीसरे ताराम का हालांकि यह पहला बजट है लेकिन वित्त मंत्री सीतारमण के लिए यह लगातार सातवां बजट पेश करने का रिकॉर्ड बन रहा है। वह इतिहास रचने जा रही है।
इस बजट से सैलरीड टैक्सपेयर्स से लेकर किसान और महिलाओं सहित सभी को बड़ी उम्मीदें हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जितनी भी बार बजट पेश किया है, हर बार एक नया इतिहास बनाया है। पहले से लेकर सातवें तक में सीतारमण के नाम नया रिकॉर्ड है। आज एक और नया र्कीतिमान रचाने जा रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अपना लगातार सातवां बजट पेश करके इतिहास रचने के लिए तैयार है। इसके साथ ही वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ने वाली है। सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड अब भी देसाई के नाम दर्ज है। निर्मला सीतारमण 7वीं बार अंतरिम बजट पेश करने वाली पहली महिला वित्त मंत्री होंगी।
सीतारमण अगले महीने 65 वर्ष की होने वाली है। उन्हें 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनाया गया था। तब से सीतारमण ने इस साल फरवरी में एक अंतरिम सहित लगातार छह बजट पेश किए हैं। वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट उनका लगातार सातवां बजट होगा।
आपको बता दें कि आज बजट पेश करते ही सीतारमण देसाई के रिकॉर्ड को तोड़ देगी। पूर्व पीएम मोरारजी ने 1959 से 1964 के बीच लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश कर इतिहास रचा था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020 में बजट पेश करते समय नया रिकॉर्ड दर्ज किया था। उनके द्वारा दिया गया बजट भाषण 2 घंटे 42 मिनट का था, जो देश के इतिहास में सबसे लंबा बजट भाषण था। इस भाषण के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं, जिनमें नए टैक्स स्लैब शामिल थे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 में एक पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए डिजिटल भारत की छवि को संसद पटल पर प्रस्तुत किया। उन्होंने न केवल अंग्रेजों की परंपरा को खत्म करते हुए बही खाता को बजट से जोड़ा, बल्कि 2021 में देश का पहला पेपरलैस बजट भी पेश किया।
भारतीय बजट प्रक्रिया में हलवा सेरेमनी एक महत्वपूर्ण और परंपरागत अनुष्ठान है, जो आम बजट से संबंधित दस्तावेजों की प्रिंटिंग की शुरुआत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इसे नॉर्थ ब्लॉक के अंदर वित्त मंत्रालय में आयोजित किया जाता है। हालांकि, साल 2022 में कोविड-19 महामारी के चलते इस परंपरा में बदलाव किया गया। इसकी जगह वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को मिठाई के डिब्बे बांटे गए थे।