विकास कुमार
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने बीजेपी को अपने तल्ख तेवर दिखाए हैं। श्रीकांत शिंदे कल्याण से लोकसभा सांसद हैं। उन्होंने डोंबिवली में एक स्थानीय मुद्दे पर इस्तीफे की पेशकश कर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दिया है। दरअसल बीजेपी की डोंबिवली इकाई ने मानपाड़ा थाने पर उनके स्थानीय नेता नंदू जोशी को परेशान करने का आरोप लगाया है। इस मामले में बीजेपी ने पुलिस अधिकारी का तुरंत तबादला करने की मांग की है। डोंबिवली के बीजेपी नेताओं ने ये भी कहा कि वे शिवसेना के साथ सहयोग नहीं करेगी। और इस सप्ताह के शुरू में दिवा में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यक्रमों का बहिष्कार करेगी।
बीजेपी के स्थानीय नेताओं के इस ऐलान के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे भड़क उठे। अब विवाद को शांत करने के लिए चंद्रशेखर बावनकुले ने पहल की है। बावनकुले ने साफ किया कि बीजेपी इस मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाना चाहती हैं बावनकुले ने कहा कि यह एक स्थानीय मुद्दा है न कि राज्यव्यापी, मैं पीडब्ल्यूडी मंत्री रवींद्र चव्हाण से बात करूंगा और हम देखेंगे कि इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाया जाए। कल्याण में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन लंबे समय से विजयी रहा है। स्थानीय स्तर पर कुछ मुद्दे रहे हैं लेकिन इसे स्थानीय स्तर पर हल करने की आवश्यकता है,मैं सांसद श्रीकांत शिंदे से भी अपील करूंगा कि वे इस मुद्दे को आगे न बढ़ाएं। मुझे यकीन है कि वह फिर से कल्याण से बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के उम्मीदवार होंगे और शानदार जीत दर्ज करेंगे।
वहीं बीजेपी के पूर्व विधायक नरेंद्र पवार ने कहा कि स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं की चिंताएं वास्तविक हैं। पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना घावों पर नमक रगड़ने जैसा है। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मिलेंगे और इस मुद्दे को सुलझाएंगे।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे की धमकी के बाद बीजेपी के सीनियर लीडर बैकफुट पर आ गए हैं। इस विवाद की वजह से शिवसेना और बीजेपी गठबंधन की एकजुटता पर भी बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।